कर चोरी से जुडे नये खुलासों के केंद्र में अब एचएसबीसी इंडिया

लंदन: एक मीडिया रपट के अनुसार एचएसबीसी की भारतीय बैंकिंग इकाई कर चोरी से जुडे ताजा खुलासों के केंद्र में हैं जबकि कुछ दिन पहले ही एक वैश्विक खुलासा हुआ था कि उसकी स्विस बैंकिंग शाखा के जरिए कर चोरी की जा रही है.ऐसा आरोप हैं कि एचएसबीसी इंडिया के प्रतिनिधियों ने ग्राहकों को आश्वस्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 6:29 PM

लंदन: एक मीडिया रपट के अनुसार एचएसबीसी की भारतीय बैंकिंग इकाई कर चोरी से जुडे ताजा खुलासों के केंद्र में हैं जबकि कुछ दिन पहले ही एक वैश्विक खुलासा हुआ था कि उसकी स्विस बैंकिंग शाखा के जरिए कर चोरी की जा रही है.ऐसा आरोप हैं कि एचएसबीसी इंडिया के प्रतिनिधियों ने ग्राहकों को आश्वस्त किया कि उनके खातों की जानकारी कर अधिकारियों को नहीं दी जाएगी. इस बैंक में अमेरिकी कर्मचारी भी हैं. ऐसी रपटें आईं थी कि बैंक की स्विस बैंकिंग इकाई ने कुछ धनी ग्राहकों को कर चोरी में मदद की. इसके बाद बैंक ने ब्रिटेन के अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन जारी कर सार्वजनिक माफी मांगी थी.

द संडे टाइम्स के अनुसार उसने अदालती दस्तावेज देखें हैं जिनके अनुसार एक मामले में कर्मचारियों ने न्यूजर्सी के एक भारतीय मूल के कारोबारी को सलाह दी कि वह 6,500 पौंड से कम राशि की किस्तों में धन स्थानांतरित करे तो राडार में नहीं आएगा. रपट के अनुसार अदालती दस्तावेजों के अनुसार एचएसबीसी इंडिया पर आरोप है कि उसने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों को कर बचाने में मदद की.

अमेरिकी न्याय विभाग ने अप्रैल 2011 में बैंक को सम्मन जारी कर ग्राहकों का ब्यौरा देने को कहा था.ऐसा दावा किया जा रहा है कि बैंक ने अपनी सेवाओं का प्रोत्साहन इसी आधार पर किया कि ग्राहकों की सूचनाएं कर अधिकारियों से गुप्त रखी जाएंगी.सरकार ने अदालत को सूचित किया है, संभावित ग्राहकों को बताया गया कि विदेशी बैंक के रुप में, एचएसबीसी इंडिया उनके खातों की जानकारी आईआरएस (इनलैंड रेवन्यू सर्विस) को नहीं देगी.

इसके अनुसार, आईआरएस का मानना है कि हो सकता है कि एचएसबीसी इंडिया में खाता रखने वाले अमेरिका के हजारों करदाता शायद अपने खातों या आय की जानकारी देने में विफल रहे हों.ऐसा कहा जाता है कि बैंक में भारतीय मूल के 9,000 अमेरिकी भारतीयों के खाते थे लेकिन 1,400 से भी कम ने अपने खातों का खुलासा किया.

एक अलग अभियोजन में अरविंद आहूजा के मामले में एचएसबीसी इंडिया के अज्ञात बैंकिंग अधिकारियों पर सह षडयंत्रकारी होने का आरोप है. विसकोंसिन के न्यूरोसर्जन आहूजा ने कथित रुप से विदेशी एचएसबीसी खाते में 55 लाख पौंड छुपाकर रखे और गलत कर रिटर्न दाखिल की.

ऐसा दावा किया जाता है कि आहूजा व एचएसबीसी के अधिकारियों ने आईआरएस से आय छुपाने के लिए जर्सी, भारत व अन्य देशों में अघोषित खातों का इस्तेमाल किया.