दिनचर्या ऐसी कि 80 की उम्र में भी स्वस्थ है दिल

राजीव पांडेय, रांची : तड़के उठना, ट्रेडमिल पर दौड़ना व योगाभ्यास करना, यह दिनचर्या किसी युवा की नहीं, बल्कि 82 साल के इंजीनियर और बिजनेसमैन आरएस रूंगटा की है. श्री रूंगटा रोजाना सुबह 5:30 बजे उठ जाते हैं.ड्राइफूड खाने और एक कप ग्रीन टी पीने के बाद ट्रेडमिल पर दौड़ लगाना शुरू कर देते हैं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 29, 2019 2:14 AM

राजीव पांडेय, रांची : तड़के उठना, ट्रेडमिल पर दौड़ना व योगाभ्यास करना, यह दिनचर्या किसी युवा की नहीं, बल्कि 82 साल के इंजीनियर और बिजनेसमैन आरएस रूंगटा की है. श्री रूंगटा रोजाना सुबह 5:30 बजे उठ जाते हैं.ड्राइफूड खाने और एक कप ग्रीन टी पीने के बाद ट्रेडमिल पर दौड़ लगाना शुरू कर देते हैं. पांच किमी की तेजी से करीब तीन किमी दौड़ने के बाद वह 45 मिनट का योगाभ्यास करते हैं. आसन-प्राणायाम की एक दर्जन अभ्यास करने के बाद उनका व्यायाम पूरा होता है. इस उम्र में भी ऐसी दिनचर्या सुनकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं.

आरएस रूंगटा ने बताया कि योगाभ्यास से ही नहीं संतुलित खानपान भी स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है. ज्वार का जूस और ताजा गिलाई का जूस पीते हैं. इसके बाद सुबह के नाश्ते में दाल-रोटी लेते हैं. संतुलित खानपान में हरी सब्जी व फल को शामिल करते हैं.
उन्होंने बताया कि नौंवी क्लास (बिट्स पिलानी) में ही उन्होंने योग की शिक्षा ले ली थी. उसके बाद से नियमित योगाभ्यास करते हैं. इस उम्र में भी आंख की समस्या नहीं है. जोड़ों में दर्द नहीं है. गंभीर बीमारी नहीं है.
संयमित दिनचर्या व पारंपरिक भोजन से 70 में भी हैं स्वस्थ
सेवानिवृत्त आइएएस अरुण प्रसाद की उम्र 70 साल के करीब है, लेकिन आज भी उनका दिल स्वस्थ है. इनकी जीवनशैली आज भी नहीं बदली है. सात्विक जीवन व दिनचर्या को अपना कर वह आज भी स्वस्थ हैं. सुबह उठना व दौड़ना उनकी दिनचर्या में शामिल है.
उम्र के साथ होनेवाली बीमारी ने उनको जकड़ा, लेकिन संयमित दिनचर्या से उन्होंने उस बीमारी को हावी नहीं होने दिये. हर छोटे से कार्य को निबटाने के लिए वह आज भी पैदल ही निकलते हैं.
अरुण प्रसाद ने बताया कि 1998 से योगा कर रहे हैं. जब उनका स्थानांतरण देवघर हुआ, तो रिखिया पीठ में योग के अभ्यास का प्रशिक्षण लिया. उसके बाद से अबतक योगाभ्यास करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि अब भी उनका दिल स्वस्थ है.
संतुलित खानपान से अपने आप को स्वस्थ रखा जा सकता है. हरी सब्जी, दाल-रोटी, चावल को प्रमुखता देते हैं. फल को प्रतिदिन खाते हैं.
दिल पर डॉक्टरों की क्या है राय
हृदय को स्वस्थ रखना है, तो जीवनशैली को बेहतर बनाना होगा. संतुलित खानपान को अपनी थाली में शामिल करना होगा. नियमित व्यायाम करना होगा, जिससे फैट बर्न हो.
डॉ रितेश कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट
हृदय के मरीज कम उम्र के आ रहे हैं, यह चिंतनीय है. खाने में हम ज्यादा कैलोरी के खाना को अपनी थाली में शामिल करते हैं, जिसका सीधा असर हमारे हार्ट पर पड़ता है.
डॉ प्रशांत कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट
असंतुलित जीवनशैली से डायबिटीज हो रही है. यह हार्ट की बीमारी को जन्म देता है. श्रम जीवन से कम हो गया है, जो हमें बीमार बना रहा है. पाश्चात्य भोजन हमें बीमार बना रहा है.
डॉ वीके ढांढनिया, डायबिटोलॉजिस्ट
अपनी जीवनशैली में सुधार तो लाना ही है, अपने बच्चों को भी परिश्रम की शिक्षा देनी है. उनको बताना पड़ेगा कि बिना मेहनत के हम स्वस्थ नहीं रह सकते हैं, इसलिए जितना दौड़ भाग कर सकते हो करो.
डॉ राजेश झा, कार्डियोलॉजिस्ट
हृदय रोग पर क्या कहते हैं योग गुरु
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आसन व प्राणायाम लाभकारी होता है. सूक्ष्म आसन से शुरुआत की जा सकती है. वैसे आसन व प्राणायाम को करना चाहिए, जिसमें सांस की गति धीमी हो व गहरी हो जाये. ताड़ासन, पश्चिमोत्तासन, भ्रामरी, कटीचक्रासन आदि का अभ्यास किया जा सकता है. सांस की गति पर विशेष ध्यान देना होता है, वह धीमी रहे. ध्यान में भी हृदय को लाभ पहुंचता है. ध्यान से मस्तिष्क एकाग्र होता है और हृदय की गति धीमी हो जाती है.
डॉ परिणिता सिंह, योग शिक्षिका
हृदय की बीमारी नहीं हो इसके लिए प्राणायाम व आसन को करना चाहिए. पवनमुक्तासन की सीरीज, पश्चिमोत्तासन, भुजंगासन, सूर्य नमस्कार, सेतुबंध, धनुरासन, नाड़ीशोध, भ्रामरी करना चाहिए. शवासन का अभ्यास भी करना चाहिए.
डॉ अर्चना कुमारी, योग प्रशिक्षिका

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