समझें मल्टी एसेट फंड और करें निवेश

सुमन कुमार ठाकुर, निदेशक, फेयरडील सिक्युरिटीज तीनों एसेट क्लास में होता है निवेश यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि हर एसेट क्लास का अपना एक आर्थिक चक्र होता है और ऐसे में निवेशकों को इस तरह के चक्र में अधिकतम लाभ कमाने के लिए निवेश करते रहना चाहिए, साथ ही उसका विविधीकरण भी करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2018 12:08 AM
सुमन कुमार ठाकुर,
निदेशक, फेयरडील सिक्युरिटीज
तीनों एसेट क्लास में होता है निवेश
यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि हर एसेट क्लास का अपना एक आर्थिक चक्र होता है और ऐसे में निवेशकों को इस तरह के चक्र में अधिकतम लाभ कमाने के लिए निवेश करते रहना चाहिए, साथ ही उसका विविधीकरण भी करते रहना चाहिए. विविधीकरण में बने रहने का महत्व यह है कि म्यूचुअल फंडों ने ऐसे उत्पादों को पेश किया है, जिनका उद्देश्य निवेशकों के लिए एसेट एलोकेशन को आसान बनाना है, जिसे मूल्यांकन के लिहाज से एसेट क्लास के बारे में सोचा जा सके. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के क्षेत्र में फंडों की मल्टी एसेट एलोकेशन कटेगरी है. सेबी के स्कीम वर्गीकरण के नियमों के मुताबिक इस तरह के फंड इक्विटी, डेब्ट और गोल्ड जैसे तीन एसेट क्लासेस में न्यूनतम 10 फीसदी का निवेश करते हैं.
आसान बनाता है मल्टी एसेट एलोकेशन
पहले यह फंड इक्विटी और डेब्ट के बीच ही एसेट एलोकेशन का काम करता था, लेकिन अब यह सोना, गोल्ड इटीएफ, आरइआइटी, इनविट्स में भी विविधीकरण करता है. जब भी बात इक्विटी में निवेश की आती है, फंड प्रबंधक फ्लैक्सीकैप नजरिया अपनाते हैं.
इस सेगमेंट में म्यूचुअल फंड उपलब्ध हैं, जैसे आइसीआइसीआइ प्रू मल्टी एसेट फंड, एसबीआइ मल्टी एसेट एलोकेशन फंड, एचडीएफसी मल्टी एसेट फंड, फ्रैंकलिन इंडिया मल्टी एसेट सॉल्यूशन फंड, एक्सिस ट्रिपल एडवांटेज फंड आदि. निवेशकों को इस फंड में निवेश करने के विषय में गंभीरता से सोचना चाहिए और इसे एक लंबी अवधि के पोर्टफोलियो में एक मुख्य हिस्सा बनाना चाहिए क्योंकि यह बाजार के तमाम परिदृश्य में सबसे बेहतर परिणाम देते हैं.