Ukraine Russia Crisis: झारखंड के आदिम जनजाति समुदाय की बेटी यूक्रेन में फंसी

रूस और यूक्रेन की जंग में झारखंड के कई विद्यार्थी फंसे हैं. प्रभात खबर के पास भी लगातार संदेश आ रहे हैं. हमारे फेसबुक पेज पर भी छात्र संदेश भेज रहे हैं. छात्र लगातार अपडेट दे रहे कि कैसे वह युक्रेन से बाहर निकल रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 6:02 PM

Ukraine Russia Crisis: झारखंड के आदिम जनजाति समुदाय की बेटी यूक्रेन में फंसी

रूस और यूक्रेन की जंग में झारखंड के कई विद्यार्थी फंसे हैं. प्रभात खबर के पास भी लगातार संदेश आ रहे हैं. हमारे फेसबुक पेज पर भी छात्र संदेश भेज रहे हैं. छात्र लगातार अपडेट दे रहे कि कैसे वह युक्रेन से बाहर निकल रहे हैं.

झारखंड के कई जिलों से छात्र पढ़ाई के लिए विदेश गये हैं. लातेहार जिले की होनहार आदिम जनजाति बिरजिया समुदाय की बिटिया लतिका ठिठियो यूक्रेन में फंस गयी है. वह पिछले चार वर्षों से वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रही है.

उसने परिजनों को बताया कि वह सुरक्षित है, लेकिन हालात दिन-प्रतिदिन बदतर हो रहे हैं. वह अपने वतन लौटने को व्याकुल है. इधर, उसके माता-पिता की चिंता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. इन्होंने झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है कि उनकी बेटी को सुरक्षित वापस लाया जाए.लतिका ठिठियो

लातेहार जिला अंतर्गत महुआडांड़ प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र दुरुप पंचायत के दौना गांव की रहने वाली है. लातेहार जिला मुख्यालय से दूरूप पंचायत 150 किलोमीटर दूर है. लतिका आदिम जनजाति बिरजिया समुदाय से है. आदिम जनजाति बहुल गांव दौना विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है. लतिका के पिता इसहाक बिरजिया पेशे से मजदूर हैं. उन्होंने बताया कि बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्च मिशनरी संस्था उठाती है.

लतिका ठिठियो यूक्रेन के 1 B कुचमईन यार स्ट्रीट क्वीव 03035 में फंसी है. उसने माता-पिता को संदेश भेजा है कि वह फ्लाइट से भारत वापसी का टिकट भी करवाया था. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट कीव भी पहुंच चुकी थी, लेकिन ऐन वक्त पर फ्लाइट रद्द हो जाने की वजह से वो फंस गई है

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