हवा से चलती है यह कार

इंटरनेट पर दोस्त बने रोमानिया के राउल ओएदा और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव समारटिनो ने बातों-बातों में इस तकनीक पर चर्चा की और इसको बनाने की ठानी. लेगो ब्लॉक से बनी और हवा से चलनेवाली इस कार की अधिकतम रफ्तार 30 किमी प्रति घंटा है. रोमानियाई तकनीशियन और ऑस्ट्रेलियाई उद्यमी ने इस कार को बनाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2014 11:03 AM

इंटरनेट पर दोस्त बने रोमानिया के राउल ओएदा और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव समारटिनो ने बातों-बातों में इस तकनीक पर चर्चा की और इसको बनाने की ठानी. लेगो ब्लॉक से बनी और हवा से चलनेवाली इस कार की अधिकतम रफ्तार 30 किमी प्रति घंटा है. रोमानियाई तकनीशियन और ऑस्ट्रेलियाई उद्यमी ने इस कार को बनाने के लिए 5,00,000 लेगो ब्लॉक का इस्तेमाल किया.

ट्विट कर जुटाया पैसा
बेहद खर्चीले इस प्रोजेक्ट के लिए स्टीव समारटिनो ने आधी रात में ट्विट किया ‘‘कोई है जो 500 से 1000 डॉलर लागत के एक प्रोजेक्ट में निवेश कर सकता है, जो बेहद अद्भुत और दुनिया का पहला प्रोजेक्ट होगा. कम से कम 20 सहयोगी चाहिए’’ और देखते ही देखते 40 ऑस्ट्रेलियाई नकद देने के लिए आगे आये और इस तरह ‘ऑसम माइक्रो प्रोजेक्ट’ का जन्म हुआ. पता है दोस्तों, इस कार को बनाने में 18 महीने का वक्त और लगभग 60 हजार अमेरिकी डॉलर के खर्च हुए. जो सामूहिक योगदान से इकट्ठा किया गया. इस कार की खासियत यह है कि पहिया छोड़कर सब कुछ लेगो ब्लॉक का बना हुआ है. हवा से चलनेवाले चार इंजन और 256 पिस्टन कार को शक्ति प्रदान करते हैं.

क्या है लेगो ब्लॉक
लेगो ब्लॉक हार्ड प्लास्टिक की एक संरचना होती है जिसमें खांचे बने होते हैं. इसकी शुरुआत 1949 में लेगो ग्रूप ने की थी. कंपनी के अनुसार अबतक उसने 560 बिलियन लेगो ब्रिक्स बनाये हैं. लेगो ब्रिक्स बहुत से रंग-बिरंगे कलर में आते हैं और इन्हें आपस में आसानी से जोड़ा जा सकता है.

लेगो ब्रिक्स से अब तक कई संरचनाएं बन चुकी हैं, इनमें ट्रेन, कार, टॉउनशिप, ब्रिज, रोबोट, हवाई जहाज जैसे छोटे-बड़े खिलौने और आकृतियां प्रमुख हैं. सितंबर, 2008 से कंपनी ने इसे 3-डी मॉडलिंग और डिजाइनिंग सॉफ्वेयर कैड का प्रयोग कर इसकी डिजाइनिंग शुरू की. इससे पहले इसके डिजाइन हाथ से ही तैयार होते थे. लेगो ब्रिक्स की डिजाइन, रंग और उसके आकार को कस्टमर की मांग और जरूरत के अनुसार ही तैयार किया जाता है.