फैट्स की कमी दे सकती है ये रोग
आमतौर पर अधिक फैटी भोजन वजन बढ़ने से लेकर, मोटापे, दिल के रोग जैसी कई गंभीर समस्याओं की वजह है. यही वजह है कि फैट्स कम लेने की कोशिश हम अमूमन करते हैं. लेकिन कई बार शरीर में फैट्स की कमी भी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं की वजह हो सकती है. ... मस्तिष्क विकास […]
आमतौर पर अधिक फैटी भोजन वजन बढ़ने से लेकर, मोटापे, दिल के रोग जैसी कई गंभीर समस्याओं की वजह है. यही वजह है कि फैट्स कम लेने की कोशिश हम अमूमन करते हैं. लेकिन कई बार शरीर में फैट्स की कमी भी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं की वजह हो सकती है.
मस्तिष्क विकास में दिक्कत : कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि अमोगा 3 फैट्स युक्ट डाइट (मछली, बादाम आदि) का सेवन दिमाग को सक्रिय रखने और इसके विकास में मददगार है. अगर आप फैट्स से परहेज के नाम पर ओमेगा 3 फैट्स युक्त डाइट से भी परहेज करेंगे तो इसका दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
मानसिक समस्याएं
साइकोलॉजी टुडे के शोध की मानें तो फैट फ्री या कोलेस्ट्रॉल फ्री डाइट का अधिक सेवन से शरीर में होने वाली फैट्स की कमी लोगों में अवसाद व आत्महत्या की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे सकती है. फैट्स की जरूरत शरीर में कई हार्मोन का संतुलन बनाने के लिए भी होती है जिसकी कमी से शरीर में सेरोटोनिन नामक स्ट्रेस हार्मोन कम होता है और हमारे आक्रामक रवैया इतना घट जाता है कि अवसाद से भर जाते हैं.
मेटाबॉलिक सिंड्रोम
शरीर में फैट्स की कमी मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं की वजह भी हो सकती है. साइंस डेली में प्रकाशित शोध की मानें तो जो लोग फैट्स कम लेते हैं वे काबरेहाइड्रेट की अधिकता डाइट में कर ही लेते हैं. ऐसे में कम फैट्स और अधिक काबरेहाइडट्रेट शरीर इन्सुलिन का स्तर असामान्य होता है और मेटाबॉलिक समस्याएं बढ़ जाती हैं.
