वान गॉग के कटे कान का रहस्य उजागर करती नयी किताब

नयी दिल्ली : डच चित्रकार विन्सेंट वान गॉग की अपना कान काटने की बदनाम हरकत को एक डॉक्यूमेंटरी में भली भांति दर्शाया गया है, लेकिन उनके इस कृत्य का पुख्ता सबूत देती एक नयी किताब में पहली बार उस महिला की पहचान बताई गई है जिसे चित्रकार ने यह ‘भयानक’ उपहार दिया था. किताब के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2016 3:37 PM

नयी दिल्ली : डच चित्रकार विन्सेंट वान गॉग की अपना कान काटने की बदनाम हरकत को एक डॉक्यूमेंटरी में भली भांति दर्शाया गया है, लेकिन उनके इस कृत्य का पुख्ता सबूत देती एक नयी किताब में पहली बार उस महिला की पहचान बताई गई है जिसे चित्रकार ने यह ‘भयानक’ उपहार दिया था. किताब के प्रकाशक पेंगुइन इंडिया ने बताया ‘वान गॉग ईयर : द ट्रू स्टोरी’ के लेखक ब्रिटेन में जन्मे बर्नाडेट मर्फी ने किताब में ‘चित्रकार के मानसिक रूप से बुरी तरह टूट जाने के बारे में इससे पहले के अप्रकाशित साक्ष्यों का खुलासा किया है.’

मौजूदा धारणाओं के मुताबिक, ‘स्टारी नाइट’ जैसे प्रतिष्ठित चित्र की रचना करने वाले प्रभाववाद बाद काल के चित्रकार ने 1888 में दिसंबर की सर्द रात में ब्लेड से अपनी कान काट ली थी और अपने इस कटे हुए अंग को रशेल नाम की एक वेश्या को उपहार में दे दिया था, जिसके पास वह और उनके एक साथी फ्रांसीसी सहयोगी पॉल गॉगियम जाया करते थे. फ्रांस में आधुनिक काल (1886 से 1905) के पनपने और कला आंदोलन के काल को प्रभाववाद बाद का काल कहा जाता है और वान गॉग इसी काल के कलाकार हैं. बहरहाल, मर्फी ने अपनी इस किताब में ‘रशेल मिथक’ का रहस्योद्घाटन किया है.

प्रकाशक ने बताया, ‘लंबे समय से वेश्या मानी जा रही उस औरत के बारे में मर्फी ने खोज की कि वह दरअसल फ्रांस के आर्ल्स जिले के वेश्याओं के इलाके (रेड लाइट इलाका) में रहने वाली गैब्रिएले नामक एक घरेलू सहायिका थी जो जिस रात विन्सेंट वहां गए थे उस दौरान वह वेश्यालय में काम कर रही थी.’ प्रकाशक ने बताया, ‘सात साल के सूक्ष्म शोध के बाद मर्फी ने आर्ल्स में वान गॉग के काल को फिर से खंगाला और ना केवल इस बात पर प्रकाश डाला कि आखिर क्यों उन्होंने इस तरह का घिनौना काम किया बल्कि इस बात पर रोशनी डाली कि हम उन्हें, उनकी कला और उनकी दीवानगी को किस रूप में देखते हैं.’

इस ‘रहस्यमयी लडकी’ की कहानी को उजागर करने के लिए लेखक ने अपने शोध के दौरान आर्ल्स में रहने वाली उन तमाम स्थानीय वेश्याओं की पडताल की और यह भी सुझाव दिया कि आखिर क्यों चित्रकार ने उसे ही यह खौफनाक उपहार देने के लिए चुना. दिलचस्प यह है कि ये रहस्यमयी लडकी कोई वेश्या नहीं थी, जिसे कि लंबे समय से वेश्या समझा जा रहा था. यह किताब पाठकों के लिए इससे पहले के अप्रकाशित आरेख लेकर आती है जो यह दिखाती है कि चित्रकार ने वास्तव में अपने कान का कितना हिस्सा काटा था.

यह चित्र डॉ. फेलिक्स रे की है उन्होंने ही उनका इस भयानक कृत्य के बाद उपचार किया था. यह चित्र फिलहाल बर्कले स्थित बैंक्रॉफ्ट लाइब्रेरी ऑफ यूनीवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में मौजूद है. मर्फी ने बताया, ‘यह खोज वाकई में एक दुष्कर कार्य रहा है और इस तरह के दस्तावेज की खोज करना एक अविश्वसनीय पल के समान था. प्रोविंस के मेरे छोटे से घर में मैं यह विश्वास नहीं कर सका कि मैंने विन्सेंट वान गॉग के बारे में ना केवल कुछ नया और महत्वपूर्ण खोजा है, बल्कि इस सर्वाधिक मशहूर कलाकार, उस महत्वपूर्ण शख्स जिससे कि आर्ल्स में उनकी मुलाकात हुई और उनके त्रासदिक अंत के बारे में पुन: पडताल के मेरे कार्य को पूरा करने में यह एक अहम विस्तृत जानकारी है.’