अमेरिकी सदन ने भारत के साथ रक्षा संबंध बढ़ाने को दी मंजूरी

वाशिंगटन : अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत के साथ रक्षा संबंध विकसित करने और रक्षा उपकरणों की बिक्री एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मामले में उसे अन्य नाटो सहयोगी देशों के साथ लाने के कदम के तहत एक द्विदलीय समर्थन वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस संदर्भ में ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ (एनडीएए)-2017 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2016 3:55 PM

वाशिंगटन : अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत के साथ रक्षा संबंध विकसित करने और रक्षा उपकरणों की बिक्री एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मामले में उसे अन्य नाटो सहयोगी देशों के साथ लाने के कदम के तहत एक द्विदलीय समर्थन वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस संदर्भ में ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ (एनडीएए)-2017 में संशोधन के पक्ष में प्रतिनिधि सभा में कांग्रेस सदस्य जॉर्ज होल्डिंग ने कहा, ‘‘यह अमेरिका और भारत के बीच ज्यादा रक्षा व्यापार को बढावा देने और अतिरिक्त सैन्य सहयोग को प्रोत्साहन देने की कोशिश करता है.’ भारत के साथ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोगबढ़ाने सेजुड़े इस संशोधन को होल्डिंग और एमी बेरा (हाउस इंडिया कॉकस के अध्यक्ष) का और सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एड रॉयस और इसी समिति के रैंकिंग सदस्य इलियट एंगल द्वारा प्रायोजित किया गया था.

होल्डिंग ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अपनी सरकार से भारत के साथ रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल को मजबूत करने और संयुक्त सैन्य नियोजन को प्रोत्साहन की मांग करके हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि अमेरिका और भारत के रक्षा संबंध बने रहें.’ होल्डिंग ने कहा, ‘‘श्रीमान अध्यक्ष, भारत-प्रशांत क्षेत्र की गतिशील प्रकृति और हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं भविष्य की आर्थिक वृद्धि के लिए इसके महत्व को देखते हुए अब समय आ गया है कि अमेरिका और भारत की रणनीतिक साझेदारी की हालिया सफलता पर काम किया जाए और इसे आगे बढाया जाए.’

अमेरिका के लिए, यह एक विधायी शाखा की बात करता है ताकि इसके जरिए अमेरिका एवं भारत के रक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने वाले अधिकारी को नियुक्त किया जाए, रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को सुगम बनाया जाए, अमेरिका-भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल :डीटीटीआइ: के लिए विशेष तौर पर समर्पित एक विशेष कार्यालय पेंटागन में बनाया जाए.

यह विधेयक अमेरिकी सरकार से संयुक्त सैन्य नियोजन के संदर्भ में भारत की सैन्य क्षमताओं को बढाने और सह-उत्पादन : सह-विकास के अवसरों को बढावा देने की अपील करता है.

भारत के लिए, यह विधेयक सरकार को प्रोत्साहित करता है कि वह मानवीय मदद और आपदा राहत, समुद्री डकैती से निपटने एवं मैरीटाइम जागरूकता जैसे साझा हितों वाले अभियानों के लिए अमेरिका के साथ संयुक्त नियोजन को अधिकृत करे.

सीनेट इंडिया कॉकस अध्यक्षों सीनेटर मार्क वार्नर और सीनेटर जॉन कॉर्नेएन इस सप्ताह की शुरुआत में ऐसा ही एक विधेयक सीनेट में लेकर आए थे.

राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व उम्मीदवार सीनेटर मार्को रुबियो इस सप्ताह इसके सह-प्रायोजक बन गए थे.

सीनेट और सदन द्वारा इसे एनडीएए-2017 के हिस्से केरूप में पारित किए जाने के बाद ही यह अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के पास जाएगा ताकि वह इसपर हस्ताक्षर करके इसे कानून बना दें.

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल ने इस कदम का स्वागत किया है.