US : ‘अपहृत” बच्चों के माता-पिता ने ओबामा से मांगा न्याय
वाशिंगटन : अमेरिका से ‘अपहृत’ बच्चों के माता-पिता न्याय की मांग के लिए इस सप्ताह सांसदों से मिलने के लिए अमेरिकी राजधानी में एकत्र होंगे और व्हाइट हाउस के पास मोमबत्तियां जलाएंगे. इन माता-पिता में भारतीय मूल के अमेरिकी भी शामिल हैं जिनके बच्चे कथित तौर पर भारत ले जाये जा चुके हैं.... रिपोर्ट में […]
वाशिंगटन : अमेरिका से ‘अपहृत’ बच्चों के माता-पिता न्याय की मांग के लिए इस सप्ताह सांसदों से मिलने के लिए अमेरिकी राजधानी में एकत्र होंगे और व्हाइट हाउस के पास मोमबत्तियां जलाएंगे. इन माता-पिता में भारतीय मूल के अमेरिकी भी शामिल हैं जिनके बच्चे कथित तौर पर भारत ले जाये जा चुके हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि ‘ब्रिंग आवर किड्स होम’ और ‘कोएलिशन टू स्टॉप इंटरनेशनल पेरेंटल चाइल्ड ऐबडक्शन’ सांसदों से मिलकर अमेरिका और भारत समेत विदेशी सरकारों से माता-पिता द्वारा अंतरराष्ट्रीय ‘अपहरण’ के बढ़ते मामलों से निपटने की बात उठाने के लिए कहेंगे.
हर साल 1000 से ज्यादा अमेरिकी बच्चों को उनका ‘अपहरण’ करके दूसरे देशों में ले जाने के मामले सामने आते हैं और बहुत से मामले तो सामने ही नहीं आते. कल इस रिपोर्ट में कहा गया कि हेग की संधि पर हस्ताक्षर न करने वाला भारत ऐसा शीर्ष देश है जहां अमेरिका से बच्चों का ‘अपहरण’ करके ले लाया जाता है. समग्ररूप से यह शीर्ष तीन में शामिल है.
पिछले साल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत को उन 22 देशों में से एक बताया था, जो अमेरिका से बच्चों के ‘अपहरण’ के मामलों को सुलझाने में असहयोग का रुख दिखा रहे हैं. अमेरिका से भारत ले जाये जा चुके बच्चे के पिता रवि परमार ने कहा कि यह दूसरा साल है, जब हम अमेरिका भर के माता-पिता के अन्य समूहों के साथ मिलकर इस मांग को उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी सरकारों को बताना चाहते हैं कि माता या पिता द्वारा बच्चे का ‘अपहरण’ किया जाना ‘बच्चे के संरक्षण’ का मुद्दा नहीं है और क्योंकि इसके तहत एक अभिभावक अपने बच्चों को गलत तरीके से अमेरिका से ले जाता है, इसलिए यह सही नहीं हो सकता.” उन्होंने कहा, ‘‘भारत माता या पिता द्वारा बच्चे के इस ‘अपहरण’ को अपराध नहीं मानता. दशकों से पीड़ित बच्चों और पीछे छूटे परिवारों पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के साक्ष्य मिलने के बावजूद बाल अधिकार समूह, कानूनी विशेषज्ञ भारत को इस संदर्भ में अनुरोध कर रहे हैं.”
गठबंधन 20 अप्रैल को कांग्रेस के समक्ष अभ्यावेदन देगा और अमेरिकी नियमों की खामियों को दूर करने एवं अमेरिकी न्याय मंत्रालय समेत प्रमुख संघीय एजेंसियों पर कांग्रेस की निगरानी बढ़ाने की अपील करेंगे. ये समूह अमेरिकी न्याय मंत्रालय के ‘इंटरनेशनल पेटरनल चाइल्ड किडनेपिंग क्राइम एक्ट’ को लागू करने में विफल रहने की ओर ध्यान दिलाना चाहता है. इस कानून के तहत माता-पिता द्वारा बच्चों का ‘अपहरण’ एक संघीय अपराध है.
शाम के समय ये लोग व्हाइट हाउस के समक्ष मोमबत्तियां जलाकर ओबामा को हस्तक्षेप करने और भारत समेत उन सभी देशों को ‘अपहृत’ अमेरिकी बच्चों को लौटाने में सहयोग करने के लिए कहने की अपील करेंगे.
