पेशावर हमला : आतंकी ने अपने आका से पूछा, सभी बच्चों को मार डाला..अब क्या करें ?

इस्लामाबाद : पेशावर स्कूल में हुए आतंकी हमले के बाद आतंक का खैफनाक चेहरा सामने आया है. इस हमले के लिए सचमुच ऐसे आतंकियों का चयन किया गया था जिनके पास दया नाम की चीज नहीं थी. पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक डॉन की माने तो आतंकी अपने आकाओं के इशारों पर फायरिंग कर रहे थे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 9:46 AM

इस्लामाबाद : पेशावर स्कूल में हुए आतंकी हमले के बाद आतंक का खैफनाक चेहरा सामने आया है. इस हमले के लिए सचमुच ऐसे आतंकियों का चयन किया गया था जिनके पास दया नाम की चीज नहीं थी. पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक डॉन की माने तो आतंकी अपने आकाओं के इशारों पर फायरिंग कर रहे थे. सभागार में मौत का खेल खेलने के बाद एक आतंकी ने अपने आका को फोन करके पूछा – हमने ऑडिटोरिअम (सभागार) में मौजूद सभी बच्चों को मार दिया है. अब हम क्या करें ? सेना संचालित स्कूल के मुख्य हॉल में छात्रों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने के बाद तालिबान हमलावरों में शामिल एक आतंकवादी ने अपने आका से यही पूछा था. वहां से 100 से अधिक शव बरामद किए गए थे.

हालिया इतिहास में बच्चों के खिलाफ सबसे निर्मम हमलों में शामिल इस हमले को अंजाम देने वाले आत्मघाती हमलवारों को उसके आका ने आदेश दिया, ‘‘सेना के लोगों का इंतजार करो, खुद को विस्फोट कर उडाने से पहले उन्हें मार डालो.’’ डॉन अखबार ने एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि मंगलवार को हमलावरों और उनके आका के बीच हुई आखिरी बातचीत में ये बातें भी शामिल थीं। इसके कुछ ही देर पहले दो शेष आत्मघाती हमलावर आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रशासन ब्लॉक के किनारे के प्रवेश द्वार के ठीक बाहर खडे कमांडो की ओर बढे थे.

अखबार ने कहा है, ‘‘स्कूल में साढे सात घंटे के पूरे बंधक घटनाक्रम के दौरान हमलावरों और उनके आकाओं के बीच यह और अन्य बातचीत सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ द्वारा अफगान अधिकारियों के साथ साझा किए गए दस्तावेज में शामिल है.’’ अखबार ने कहा है कि पाकिस्तान ने हमलावरों की पहचान कर ली है और उसे ‘अबूजर’ और उसके आका ‘कमांडर’ उमर के बीच हुई बातचीत की प्रतिलिपि मिली है. इसने बताया कि उमर नारय और उमर खलीफा के नाम से जाना जाने वाला उमर अदीजई सीमांत क्षेत्र पेशावर का एक वरिष्ठ आतंकवादी है. सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि उसने अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के नाजियां जिले से फोन किया था. अधिकारियों ने बताया कि तालिबान प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला सहित 16 तालिबान आतंकवादियों ने पेशावर नरसंहार की साजिश रची थी जिसमें 132 छात्र सहित 148 लोगों को मार डाला गया, जो पाकिस्तान के इतिहास में सबसे वीभत्स आतंकवादी हमला है.

अधिकारियों के हवाले से डॉन अखबार ने बताया है कि हमलावर इमारत की पिछली दीवार पर चढकर अंदर घुसे थे. उन्होंने एक सीढी का इस्तेमाल किया था और कंटीली तारों को काट दिया था. इसके बाद वे मुख्य सभागार में घुसे जहां एक शिक्षक सीनियर छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा का सबक दे रहे थे.

एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया, ‘‘क्या हमलावरों को मुख्य हॉल में छात्रों के जमा होने की पहले से सूचना थी ..यह एक ऐसा सवाल है जिसका हम जवाब ढूंढ रहे हैं.’’ आतंकवादियों ने सभागार के पीछे खडे एक चौकीदार को सबसे पहले अपना निशाना बनाया. अखबार ने सेना के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि पिछले दरवाजे को बंद पाकर वे दो मुख्य प्रवेश द्वारों और निकास द्वार की ओर बढे। यह वही जगह है जहां नरसंहार हुआ प्रतीत होता है.

अधिकारी ने बताया, ‘‘शवों के अंबार लगे थे, हालांकि कुछ लोग जीवित भी थे. हर जगह खून ही खून था.’’ ऐसा लगता है कि हॉल में मौजूद छात्र पहली गोली चलने की आवाज सुनकर वहां से बाहर भागे होंगे और इस तरह वे इंतजार कर रहे आतंकवादियों के शिकार बन गए जिन्होंने दोनों दरवाजों को घेर रखा था. अखबार ने बताया है कि मुख्य हॉल हर जगह खून से सना हुआ था। छात्रों और शिक्षिकाओं के जूते बिखरे पडे थे। सीट के नीचे छिपे लोग भी एक एक कर गोली के शिकार होते गए, उनके सिर में गोली मारी गई.

इसने बताया, ‘‘100 से अधिक शवों और घायलों को प्रवेश द्वारों और हॉल से निकाला गया. सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यदि आतंकवादी स्पेशल कमांडो के पहुंचने से पहले जूनियर सेक्शन में पहुंच जाते, तो ना जाने और कितने मासूम बच्चे मार डाले जाते. चार आतंकवादियों ने प्रशासन ब्लॉक की लॉबी में खुद को विस्फोट कर उडा दिया। इसका असर इतना जबरदस्त था कि हर तरफ लोगों के चिथडे बिखरे पडे थे. एक हमलावर ने प्रधानाध्यापिका ताहिरा काजी के कार्यालय में खुद को विस्फोट कर उडाया.