क्या राज्यसभा में विपक्ष होने जा रहा है और कमज़ोर?
<figure> <img alt="नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/2317/production/_110938980_gettyimages-1158659250.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>दिल्ली विधानसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद अगला सियासी महाभारत राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में देखने को मिल सकता है.</p><p>इस साल राज्यसभा के 69 सांसद रिटायर हो रहे हैं और पहले से ख़ाली चार सीटों को मिलाकर 73 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. </p><p>राज्यसभा […]
<figure> <img alt="नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/2317/production/_110938980_gettyimages-1158659250.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>दिल्ली विधानसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद अगला सियासी महाभारत राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में देखने को मिल सकता है.</p><p>इस साल राज्यसभा के 69 सांसद रिटायर हो रहे हैं और पहले से ख़ाली चार सीटों को मिलाकर 73 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. </p><p>राज्यसभा में 82 सांसदों की हैसियत रखने वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 18 सांसद इस साल रिटायर होने वाले हैं.</p><p>इनमें से 14 सांसदों का कार्यकाल अप्रैल, जून और नवंबर में पूरा होगा.</p><p>दूसरी तरफ़ कांग्रेस के लिए भी स्थिति उतनी ही नाज़ुक है. उसके 17 सांसदों का कार्यकाल इस साल ख़त्म होने वाला है.</p><p>इनमें 11 का कार्यकाल अप्रैल में, तीन का जून में, एक जुलाई में और दो नवंबर में रिटायर होने वाले हैं.</p><figure> <img alt="राज्यसभा" src="https://c.files.bbci.co.uk/7137/production/_110938982_gettyimages-1076169548.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>बीजेपी का गणित</h3><p>उम्मीद की जा रही है कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनावों में सत्ता पक्ष के सांसदों की संख्या कम हो सकती है क्योंकि हाल के दिनों में बीजेपी को कई राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है.</p><p>जिन राज्यों में राज्यसभा की सीटें ख़ाली हो रही हैं, उनमें से ज़्यादातर में विपक्षी पार्टियां सरकार में हैं. इसे बीजेपी के लिए कम्फ़र्ट ज़ोन की स्थिति नहीं कहा जा सकता है.</p><p>इनमें महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना प्रमुख हैं. </p><p>लंबे समय से संसद कवर करने वाले पीटीआई के सीनियर जर्नलिस्ट दीपक रंजन कहते हैं, "इस साल बीजेपी के रिटायर होने वाले 18 सांसदों में 10 उत्तर प्रदेश से आते हैं. चूंकि इस राज्य में बीजेपी के पास भारी बहुमत है, इसलिए इसमें से नौ सीट पार्टी आराम से जीत सकती है. दसवीं सीट पर भी अगर राजनीतिक गुणा-भाग का ध्यान रखा जाए तो ये मुश्किल नहीं होगा."</p><p>गुजरात, असम और हरियाणा में बीजेपी सत्ता में है और बिहार में गठबंधन की सरकार है तो ऐसे में बीजेपी ज़्यादा नुक़सान की स्थिति में नहीं दिखती. </p><figure> <img alt="राहुल गांधी" src="https://c.files.bbci.co.uk/BF57/production/_110938984_gettyimages-833427498.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>कांग्रेस की उम्मीद</h3><p>राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में सरकार होने के बावजूद राज्यसभा में उसकी हैसियत में बहुत फ़र्क़ नहीं दिख रहा है.</p><p>दीपक रंजन कहते हैं, "कांग्रेस के पास अभी 46 सांसद हैं. राज्यसभा चुनावों के बाद कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति सुधरने की उम्मीद है. चूंकि इतनी बड़ी संख्या में उसके सांसद रिटायर हो रहे हैं, इसलिए राज्यसभा में उसके कुल सांसद बढ़ने की उम्मीद नहीं है."</p><p>बीजेपी के उलट कांग्रेस के लिए हालात ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हैं. </p><p>दीपक रंजन कहते हैं, "ऐसी चर्चा है कि रणदीप सिंह सुरजेवाला को कांग्रेस मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेज सकती है. वो पिछले दो चुनाव में हार चुके हैं. दिग्विजय सिंह चुनाव हारे हुए हैं और राज्यसभा में उनका कार्यकाल भी ख़त्म हो रहा है. कांग्रेस की दिक्क़त ये है कि उसे उन लोगों को भी जगह देनी है जो पहले से राज्यसभा में हैं और जिनका कार्यकाल ख़त्म हो रहा है और दूसरे वे लोग हैं, जो चुनाव हार गए हैं." </p><figure> <img alt="कांग्रेस" src="https://c.files.bbci.co.uk/10D77/production/_110938986_gettyimages-966631440.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>राज्यों के समीकरण</h3><p>राज्यसभा चुनावों को राज्यों के समीकरण ने दिलचस्प बना दिया है. </p><p>इस सिलसिले में महाराष्ट्र का नाम लिया जा सकता है जहां शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की साझा सरकार है.</p><p>महाराष्ट्र में राज्यसभा की सात सीटें ख़ाली हो रही हैं जिनमें इस समय एक बीजेपी के पास, एक कांग्रेस, तीन एनसीपी और एक शिवसेना के पास है.</p><p>इस समय राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की साझा सरकार है तो ऐसे में उन्हें सीटें आपस में बांटनी होगी. </p><p>ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के राजनीतिक समीकरणों में ज़्यादा बदलाव नहीं होने वाला है लेकिन आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस सत्ता में है और राज्यसभा में वो तेलुगूदेशम पार्टी की जगह लेगी.</p><p>ये वो राज्य हैं जहां बीजेपी हाशिए पर है. </p><figure> <img alt="राज्यसभा" src="https://c.files.bbci.co.uk/15B97/production/_110938988_gettyimages-580023734.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>महत्वपूर्ण विधेयक</h3><p>इस समय चार-पाँच विधेयक ऐसे हैं जिन्हें लेकर राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच मतभेद की स्थिति हो सकती है. ये विधेयक हैं डेटा प्रोटेक्शन बिल, लेबर कोड बिल, अंतरराज्यीय नदी जल विवाद संशोधन बिल, कीटनाशक प्रबंधन बिल.</p><p>दीपक रंजन कहते हैं, "इन विधेयकों पर हंगामे की सूरत बन सकती है और विपक्ष इन्हें सेलेक्ट कमिटी भेजने की मांग कर सकता है. कीटनाशक प्रबंधन बिल तो साल 2008 से लटका हुआ है."</p><p>राज्यसभा में सत्ता के गणित के लिहाज़ से देखें तो एनडीए की असहजता अब इतिहास का हिस्सा है. संख्या बल के मामले में बीजेपी ने काफ़ी पहले कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है.</p><p>दीपक रंजन बताते हैं, "बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति रणनीतिक रूप से बीजेपी का राज्यसभा में साथ देते रहे हैं. आंध्र प्रदेश में बदली स्थितियों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों जगनमोहन रेड्डी से मुलाक़ात भी की थी. बीजेपी चाहती है कि वाईएसआर एनडीए ख़ेमे में आ जाएं."</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
