रिसर्चर्स ने आक्रामक ट्यूमर की पहचान के लिए नयी तकनीक विकसित की

स्टॉकहोम : अनुसंधानकर्ताओं ने आक्रामक विषम ट्यूमर की पहचान के लिए एक नयी तकनीक का पता लगाया है. इन ट्यूमर का इलाज आम कैंसर की तुलना में तेजी से करने की जरूरत होती है. यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है. सामान्य तौर पर कैंसर की प्रत्येक कोशिकाएं जब विभाजित होती हैं, तो उनमें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2019 5:40 PM

स्टॉकहोम : अनुसंधानकर्ताओं ने आक्रामक विषम ट्यूमर की पहचान के लिए एक नयी तकनीक का पता लगाया है. इन ट्यूमर का इलाज आम कैंसर की तुलना में तेजी से करने की जरूरत होती है. यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है. सामान्य तौर पर कैंसर की प्रत्येक कोशिकाएं जब विभाजित होती हैं, तो उनमें अलग-अलग जीन या क्रोमोसोम होते हैं. इस प्रक्रिया को ‘कॉपी नंबर अल्टरेशन’ (सीएनए) कहते हैं.

अध्ययन में यह भी पाया गया कि एक ही ट्यूमर में गांठ की विभिन्न संरचना वाली कोशिका अलग-अलग सीएनए की हो सकती है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अलग-अलग सीएनए वाले ट्यूमर सामान्य तौर पर ज्यादा आक्रामक होते हैं और काफी गहन चिकित्सा के बाद भी वापस लौट आते हैं. इसलिए अब एक कटसेक तकनीक विकसित किया गया है, जो सीएनए के प्रकार और संख्या का पता एक ही ट्यूमर में लगा सकता है और वह भी मौजूदा तकनीक से कम कीमत में. इन अनुसंधानकर्ताओं में स्वीडन के कारोलिन्सका इंस्टीट्यूटेट के अनुसंधानकर्ता भी शामिल हैं.

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