इंडोनिशिया : जंगल की आग ने एक करोड़ बच्चों को जोखिम में डाला, सांस की बीमारी का बढ़ा खतरा

जकार्ता : संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि इंडोनेशिया में जंगल में लगी आग से उत्पन्न वायु प्रदूषण ने लगभग एक करोड़ बच्चों को जोखिम में डाल दिया है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि आग की वजह से बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है. आग की वजह से दक्षिण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 24, 2019 7:45 PM

जकार्ता : संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि इंडोनेशिया में जंगल में लगी आग से उत्पन्न वायु प्रदूषण ने लगभग एक करोड़ बच्चों को जोखिम में डाल दिया है.

वैज्ञानिकों ने कहा है कि आग की वजह से बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है. आग की वजह से दक्षिण पूर्वी एशिया के ऊपर जहरीला धुआं छा रहा है जिससे स्कूलों और हवाईअड्डों को बंद करना पड़ा है.

लोग चेहरे के मास्क खरीद रहे हैं और सांस की बीमारियों के इलाज के लिए मदद मांग रहे हैं. जकार्ता ने आग पर काबू पाने के लिए हजारों कर्मियों को तैनात किया है और विमानों से पानी छिड़का जा रहा है.

जंगल में आग हर साल होने वाली घटना है, लेकिन 2015 के बाद शुष्क मौसम की वजह से यह अब तक की सबसे भयंकर आग है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा कि इंडोनिशया के सुमात्रा द्वीप और बोर्नियो द्वीप के इंडोनिशियाई हिस्से में लगी आग से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में 18 साल से कम उम्र के लगभग एक करोड़ बच्चे रहते हैं.

इनमें से एक चौथाई बच्चे पांच साल से कम उम्र के हैं. इसने कहा कि वायु गुणवत्ता बहुत खराब है और यह इंडोनेशिया के लिए चुनौती बनती जा रही है. इसकी वजह से इंडोनेशिया में हजारों स्कूलों को बंद करना पड़ा है जिससे लाखों बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे.

Next Article

Exit mobile version