हांगकांग प्रदर्शनः चीन को चुनौती देने वाला 23 साल का जोशुआ वॉन्ग गिरफ्तार, हालात बिगड़ने के आसार

विवादित प्रत्यर्पण बिल को लेकर हॉंगकॉंग में जारी विरोध प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. चीन के खिलाफ हो रहा यह जोरदार विरोध-प्रदर्शन बीते करीब तीन माह से जारी है. इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे लोकतंत्र समर्थक 23 साल के जोशुआ वॉन्ग को पुलिस ने शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. उनकी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 30, 2019 8:16 AM

विवादित प्रत्यर्पण बिल को लेकर हॉंगकॉंग में जारी विरोध प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. चीन के खिलाफ हो रहा यह जोरदार विरोध-प्रदर्शन बीते करीब तीन माह से जारी है. इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे लोकतंत्र समर्थक 23 साल के जोशुआ वॉन्ग को पुलिस ने शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. उनकी पार्टी डेमोसिस्टो ने यह जानकारी दी.वांग को ऐसे समय में गिरफ्तार किया गया है जब एक दिन बाद ही शहर में पार्टी की रैली करने की योजना थी जिस पर पुलिस से प्रतिबंध लगा दिया है.

डेमोसिस्टो ने ट्वीट किया कि हमारे महासचिव जोशुआ वांग को आज सुबह करीब साढ़े सात बजे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें दिन दहाड़े सड़क से जबरन एक मिनीवैन में बैठाया गया. हमारे वकील अब इस मामले को देख रहे हैं. बता दें कि हांगकांग में पिछले तीन महीनों से राजनीतिक अशांति का माहौल है. यहां व्यापक एवं शांतिपूर्ण प्रदर्शनकों को हिंसा का प्रयोग करके रोका गया जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई.

सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस शनिवार को जन रैली करने की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच एक बार फिर झड़प होने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि प्रदर्शनकारी इस प्रतिबंध के विरोध में सामने आ सकते हैं. इन प्रदर्शनों की शुरुआत उस समय हुई थी जब शहर की बीजिंग समर्थित सरकार ने चीन में प्रत्यर्पण की अनुमति देने संबंधी एक विधेयक पारित करने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में इन प्रदर्शनों का मकसद व्यापक हो गया.

हांगकांग में अब लोकतंत्र और पुलिस पर बर्बरता के आरोपों की जांच कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों के संबंध में जून से 850 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

इस बिल के विरोध में जोशुआ वॉन्ग अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. जोशुआ वॉन्ग के साथ लाखों लोगों सड़क पर उतर गए और प्रशासन के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस आंदोलन की खास बात यह है कि प्रदर्शनकारियों में शामिल नेताओं की औसतन उम्र 20- 25 साल है. जोशुआ वॉन्ग की पार्टी का नाम ‘डोमेसिस्टो’ है और इसके प्रमुख नेता एग्नेश चॉ जहां 22 साल के हैं तो नाथन लॉ 26 वर्ष के हैं. बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग चीन का हिस्सा होने के बावजूद स्वतंत्र प्रशासनिक क्षेत्र है.

वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों को लग रहा है कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी इस विधेयक के जरिए हॉन्ग कॉन्ग में अपनी ताकत को बढ़ाना चाहती है. हालांकि बाद में प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने बिल को वापस ले लिया, उसके बावजूद विरोध जारी है. जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की मांग है कि हॉन्ग कॉन्ग में अधिक से अधिक लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली की जाए.

कौन हैं जोशुआ वॉन्ग?
जोशुआ वॉन्ग डोमेसिस्टो पार्टी के महासचिव है. उनकी पार्टी हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र बहाली की मांग करती है. जोशुआ पहले एक छात्रों के समूह की स्थापना की थी और इसके बाद वह राजनीति में शामिल हुए. जोशुआ पहली बार 2014 में दुनिया की निगाह में आए थे. उस समय उन्होंने अपने देश के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था.
इस वजह से उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैगजीन टाइम ने 2014 में सबसे प्रभावी किशोरों में शामिल किया था.वॉन्ग को 2015 में अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फॉर्च्युन ने जोशुआ को दुनिया के महानतम नेताओं की सूची में शुमार किया. दिलचस्प बात यह है कि सिर्फ 22 साल की उम्र में जोशुआ को 2018 में नोबेल पीस प्राइज के लिए भी नामित किया गया था.
2018 में प्रदर्शन करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था. अब चीन के खिलाफ फिर से प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार कर लिया गया है. चीन ने इन विरोध, प्रदर्शनों को दबाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. लेकिन अभी लाखों लोग हॉन्ग कॉन्ग की सड़कों पर निकलकर विरोध कर रहे हैं. जून से हॉन्ग कॉन्ग दशक के अपने सबसे खराब राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. जून से अब तक 800 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
फिर बढ़े तीखी झड़प के आसार
हांगकांग में प्रदर्शनकारी शनिवार को नई रैली की योजना बना रहे हैं लेकिन पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर इसे मंजूरी नहीं दी है. इस कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच सप्ताहांत में फिर से झड़प होने की आशंका है. पुलिस ने रैली के आयोजकों ‘सिविल ह्यूमन राइट्स फ्रंट’ (सीएचआरएफ) को पत्र लिख कर कहा कि उन्हें भय है कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसा और विध्वंसक कार्रवाई कर सकते हैं.

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