MCI करने जा रहा है बड़ा बदलाव, नये सत्र में फर्स्ट इयर से ही मरीजों के बीच जायेंगे MBBS के छात्र

नयी दिल्ली: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिये कुछ अहम बदलाव किया है. नये बैच में पाठ्यक्रम में कई नयी चीजों को जोड़ने की योजना है. इस बार पढ़ाई के साथ-साथ परीक्षा भी नए पैटर्न पर आधारित होगी. इस संबंध में पटना स्थित आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2019 10:49 AM

नयी दिल्ली: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिये कुछ अहम बदलाव किया है. नये बैच में पाठ्यक्रम में कई नयी चीजों को जोड़ने की योजना है. इस बार पढ़ाई के साथ-साथ परीक्षा भी नए पैटर्न पर आधारित होगी. इस संबंध में पटना स्थित आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के रजिस्टार राजीव रंजन ने जानकारी दी है कि अभी उन्हें संबंध मे कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है.

बताया जा रहा है कि इस बार नये सत्र में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर भी जोर दिया जायेगा. पहले एमबीबीएस के छात्र सेकेंड से वार्डों में मरीजों के बीच जाते थे लेकिन इस बार फर्स्ट इयर से ही उन्हें वार्डों में जाना होगा. वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ वार्डों में जाकर उन्हें मरीजों से बात करना होगा और बीमारियों के बारे में गहनता से जानना होगा. कोर्स के ड्यूरेशन में भी बदलाव की बात कही जा रही है.

प्रैक्टिस पर ज्यादा जोर इसलिये दिया जा रहा है ताकि संस्थान से छात्र बेहतर होकर जाएं. मूल्याकंन प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब विषयों का आंतरिक मूल्यांकन प्रैक्टिकल आधारित होगा. इसमें छात्रों को 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा. पहले पासिंग मार्क्स 33 प्रतिशत होता था.

पहले कराया जायेगा फाउंडेशन कोर्स

एमबीबीएस स्टूडेंट्स को फर्स्ट इयर में एनॉटमी, फिजियोलॉजी, बायोकमेस्ट्री पढ़ाई जाती है. वहीं दूसरे वर्ष में पैथोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी विषय पढ़ाये जाते हैं. तीसरे व चौथे वर्ष में मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक व गाइनी विषय पढ़ाया जाता है. इसके बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप होती है. इस बार नये सत्र में विषय पढ़ाने से पहले एक माह का फाउंडेशन कोर्स कराया जायेगा. इसमें मेडिकल की बेसिक जानकारी दी जायेगी.

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