खास बातचीत: बोले कैलाश विजयवर्गीय- बंगाल में जादू हमारा नहीं, जादू मोदी जी का है, टीएमसी टूटेगी और…

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का मैजिक फिर बंगाल लोकसभा चुनाव में दोहरा कर अपनी सांगठनिक क्षमता का प्रमाणित किया है. इंदौर से छह बार के विधायक व पूर्व मंत्री श्री विजयवर्गीय को 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी बनाया गया था. चुनाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2019 10:37 AM

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का मैजिक फिर बंगाल लोकसभा चुनाव में दोहरा कर अपनी सांगठनिक क्षमता का प्रमाणित किया है. इंदौर से छह बार के विधायक व पूर्व मंत्री श्री विजयवर्गीय को 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी बनाया गया था. चुनाव में पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और वहां पार्टी विधायकों की संख्या चार से बढ़ कर 45 हो गयी थी और पार्टी सत्ता पर काबिज हुई थी.

उसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें ‘बंगाल मिशन’ का दायित्व सौंपकर बंगाल भाजपा का प्रभारी बनाया था. श्री विजवर्गीय ने श्री शाह के दायित्व को चुनौती के रूप में लिया और बंगाल में ममता बनर्जी के गढ़ को भेदने की रणनीति बनाने में जुट गये और लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा के सीटों की सं‍ख्या दो से बढ़कर 18 हो गयी है. बंगाल में भाजपा की जीत के बाद प्रभात खबर के अजय विद्यार्थी ने प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:

-हरियाणा के बाद आपको पश्चिम बंगाल का दायित्व दिया गया था. आपके नेतृत्व में हरियाणा के बाद पश्चिम बंगाल में भी भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. आपने क्या जादू किया ?

जवाब : नहीं, जादू हमारा नहीं, जादू मोदी जी का है. मोदी जी और अमित शाह की रणनीति और कार्यकर्ताओं के टीम वर्क की वजह से यह जीत मिली है. कार्यकर्ताओं के टीम वर्क के जरिये हमने जनता का विश्वास अर्जित किया.

-चुनाव के पहले आपने और प्रधानमंत्री जी ने भी कहा था कि तृणमूल के कई विधायक व नेता भाजपा के संपर्क में हैं?

जवाब : लोग ममता जी से नाखुश हैं. उनकी पार्टी के लोग भी उनसे नाखुश हैं. शीघ्र ही बहुत बड़ी संख्या में टीएमसी के लोग टूट कर भाजपा में आयेंगे.

-अगले वर्ष नगर निगम का चुनाव है तथा 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव है. भाजपा की रणनीति क्या होगी ?

जवाब : हां, अगले वर्ष नगर निगम चुनाव का चुनाव है. चुनाव में फिर गुंडागर्दी होगी. फिर गुंडे गुंडागर्दी करेंगे. नगर निगम का चुनाव तो राज्य चुनाव आयोग के अधीन होगा. जब केंद्रीय चुनाव आयोग राज्य में निष्पक्ष चुनाव नहीं करा पाये, तो राज्य चुनाव आयोग के नेतृत्व में नगरपालिका के चुनाव क्या होंगे ?

-महानगरीय इलाकों को छोड़ कर उत्तर बंगाल और जंगलमहल इलाके में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. इसके पीछे आपकी रणनीति क्या थी?

जवाब: महानगरीय इलाकों में भी भाजपा अच्छा करती, यदि यहां गुंडागर्दी कंट्रोल होती. यहां पर जिस तरह से गुंडों ने गुंडागर्दी की और चुनाव आयोग केवल मूकदर्शक बना रहा. चुनाव आयोग ने कुछ भी नहीं किया और उसका परिणाम हुआ कि पोलिंग बूथ पर कब्जे हो गये. गुंडे सरेआम बम फेंकते रहे. जब कोलकाता के बीच जोड़ासांकों में बम फेंक जायें और कोलकाता पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करे, इससे बड़ा निकम्मा प्रशासन क्या हो सकता है? जब ममता जी को लगा कि उनकी रातनीतिक जमीन खिसक रही है, तो उन्होंने प्रदेश भर के गुडों को यहां लगा दिया. गुंडागर्दी कर चुनाव जीता. यहां भी लोग वोट डालने निकलते, तो मोदी जी को वोट देते और ममता जी के खिलाफ वोट देते.

-हुगली और बनगांव में भाजपा का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है, लेकिन कुछ इलाकों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा

जवाब: पूरे बंगाल के अंदर लोग ममता जी के खिलाफ वोट दिये हैं, जहां ईमानदारी से वोट हुआ. वहां भाजपा जीती. बंगाल में हम केवल टीएमसी से नहीं लड़ रहे हैं, वरन पुलिस से भी लड़ रहे हैं. इनके द्वारा लगाये गये कर्मचारी से भी लड़ रहे हैं. पुलिस-प्रशासन और सरकार के नुमाइंदे सभी से लड़े. बंगाल की जीत, बड़ी जीत इसलिए है कि हम केवल राजनीतिक दल से नहीं लड़े, वरन पूरे प्रशासन से लड़े.

-चुनाव परिणाम से यह साफ है कि चुनाव में लेफ्ट के वोट पूरी तरह से भाजपा को शिफ्ट हो गये हैं. आप इसे किस रूप में देखते हैं ?
जवाब : एकदम, ऐसा नहीं कह सकते हैं. प्राइम फेसी में ऐसा लगता जरूर है. लेफ्ट के कार्यकर्ताओं को लगा कि यदि कोई टीएमसी को हरा सकता है, तो वह भाजपा है. वो भी चाहते हैं कि ममता जी हारें. हो सकता है कि लेफ्ट का वोट भाजपा को मिला हो, लेकिन ऐसा पूरी तरह से मान लेना, जल्दबाजी होगी.

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