Research : जलवायु परिवर्तन के चलते खत्म हो सकते हैं बंगाल टाइगर

मेलबर्न : वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्र के बढ़ते जल स्तर के कारण प्रसिद्ध बंगाल टाइगर का आखिरी तटीय गढ़ और दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन माने जाने वाले सुंदरवन अगले 50 वर्षों में नष्ट हो सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि 10,000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 13, 2019 1:45 PM

मेलबर्न : वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्र के बढ़ते जल स्तर के कारण प्रसिद्ध बंगाल टाइगर का आखिरी तटीय गढ़ और दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन माने जाने वाले सुंदरवन अगले 50 वर्षों में नष्ट हो सकता है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि 10,000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में फैले बांग्लादेश और भारत का सुंदरबन क्षेत्र पृथ्वी पर सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है और लुप्तप्राय बंगाल टाइगर के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र भी है.

ऑस्ट्रेलिया की जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर बिल लॉरेंस ने कहा, ‘4,000 से भी कम संख्या बंगाल टाइगर आज के समय में जीवित रह गये हैं.’

लॉरेंस ने कहा, ‘यह बाघ के लिए वास्तव में बहुत ही कम संख्या है. कभी वे बहुत बड़ी संख्या में हुआ करते थे, लेकिन आज मुख्य रूप से भारत और बांग्लादेश के छोटे क्षेत्रों तक ही सीमित रह गये हैं.’

इंडिपेंडेंट यूनिवर्सिटी बांग्लादेश के एक सहायक प्रोफेसर, शरीफ मुकुल ने कहा, ‘हमारे विश्लेषण के मुताबिक, जो सबसे ज्यादा भयानक बात है, वह यह है कि सुंदरवन में बाघों के आवास वर्ष 2070 तक पूरी तरह से नष्ट हो जायेंगे.’

उनके विश्लेषणों में मौसम संबंधी अत्यंत उतार-चढ़ाव वाली घटनाओं और समुद्र-स्तर में वृद्धि जैसे कारकों को शामिल किया गया था. बहरहाल, शोधकर्ताओं ने अब भी उम्मीद बने रहने की बात कही है.

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