डेटा लीक के बाद कंटेंट पर फैसले लेने के लिए स्वतंत्र संस्था बना रहा है फेसबुक

सैन फ्रांसिस्को : फेसबुक एक ऐसी स्वतंत्र संस्था बना रहा है जो इस पर नजर रखेगी कि सोशल नेटवर्किंग साइट से कौन सी सामग्री हटा दी जाए. फेसबुक ने गुरुवार को इसकी घोषणा तब की जब उसने विभिन्न देशों में नियामकों के बढ़ते दबाव के चलते ‘घृणा फैलाने वाले भाषण’ और सामुदायिक नियमों का उल्लंघन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 16, 2018 12:38 PM


सैन फ्रांसिस्को :
फेसबुक एक ऐसी स्वतंत्र संस्था बना रहा है जो इस पर नजर रखेगी कि सोशल नेटवर्किंग साइट से कौन सी सामग्री हटा दी जाए. फेसबुक ने गुरुवार को इसकी घोषणा तब की जब उसने विभिन्न देशों में नियामकों के बढ़ते दबाव के चलते ‘घृणा फैलाने वाले भाषण’ और सामुदायिक नियमों का उल्लंघन करने वाले अन्य पोस्टों का तुरंत पता लगाने की अपनी क्षमता को बढ़ाने की बात कही. कई सामाजिक कार्यकर्ता भी फेसबुक से अभद्र और अनुचित सामग्री हटाने की मांग कर रहे हैं.

फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘मेरा यह मानना है कि हमें अभिव्यक्ति की आजादी और सुरक्षा के बारे में कई फैसले खुद से नहीं करने चाहिए.’ कृत्रिम इंटेलीजेंस सॉफ्टवेयर या यूजर द्वारा रिपोर्टेड किए गए पोस्ट की एक आंतरिक प्रणाली समीक्षा करती है जिसकी क्षमता बढ़ाई जा रही है. जुकरबर्ग ने कहा कि आने वाले साल में एक स्वतंत्र संस्था बनाई जाएगी जो एक तरह से ‘‘ऊपरी अदालत’ की तरह काम करेगा जो सोशल नेटवर्क द्वारा कंटेंट हटाने के फैसले की अपीलों पर विचार करेगा.

अपीलीय संस्था की संरचना इस तरह होगी कि वह आने वाले साल में फेसबुक के सिद्धांतों और नीतियों का पालन करते हुए कैसे अपने आप को स्वतंत्र रखे. फेसबुक की अगले साल अपनी आय की रिपोर्ट के साथ हर चौथे महीने कंटेंट हटाने की जानकारी भी जारी करने की योजना है. जुकरबर्ग ने कहा, ‘हमने अपनी नेटवर्किंग साइट से घृणा फैलाने वाला भाषण, डराना धमकाना और आतंकवाद के कंटेंट को हटाने पर प्रगति की है. यह लोगों को आवाज उठाने का मौका देने और उन्हें सुरक्षित रखने के बीच उचित संतुलन ढूंढने के बारे में है.’

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