पर्यावरण संकट से जूझ रहे बैंकॉक के जलमग्‍न होने का खतरा, लगातार बढ़ रहा समुद्र का जलस्‍तर

संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन की तैयारी के लिए बैठकों का दौर शुरू बैंकॉक : जलवायु परिवर्तन पर बातचीत की मेजबानी के लिए तैयार बैंकॉक खुद को पर्यावरण संकट से बचाने के लिए जूझ रहा है. गौरतलब है कि मौसम से जुड़ी एक गंभीर चेतावनी में कहा गया है कि यह शहर महज एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2018 10:57 AM

संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन की तैयारी के लिए बैठकों का दौर शुरू

बैंकॉक : जलवायु परिवर्तन पर बातचीत की मेजबानी के लिए तैयार बैंकॉक खुद को पर्यावरण संकट से बचाने के लिए जूझ रहा है. गौरतलब है कि मौसम से जुड़ी एक गंभीर चेतावनी में कहा गया है कि यह शहर महज एक दशक में आंशिक रूप से पानी में डूब जायेगा. थाईलैंड की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन की तैयारी के लिए मंगलवार से बैठकों का दौर शुरू हो रहा है. तापमान बढ़ने, मौसम के असामान्य पैटर्न के समय के साथ और बदतर होने की आशंका जतायी गयी है.

इससे सरकारों पर 2015 की पेरिस जलवायु संधि को अमली जामा पहनाने का दबाव और बढ़ गया है. एक समय में दलदली जमीन पर बसा बैंकाक समुद्र स्तर से महज डेढ़ मीटर यानी पांच फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसी वजह से समुद्र का जल स्तर बढ़ने से इस शहर को सबसे अधिक खतरा बताया जा रहा है. इसके अलावा जकार्ता और मनीला जैसे दक्षिण एशियाई शहरों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

ग्रीनपीस के तारा बुआकामसरी ने कहा, ‘विश्व बैंक की रपट के मुताबिक भारी बारिश, मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण 2030 तक बैंकॉक का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न हो जायेगा. वर्तमान में राजधानी हर वर्ष एक से दो सेंटीमीटर डूब रहा है और निकट भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा है.’ थाईलैंड की खाड़ी के निकट के समुद्र चार मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से ऊपर उठ रहे हैं.

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