रूस में राष्ट्रपति चुनाव: पढ़ें कौन दे रहे हैं व्लादिमीर पुतिन को चुनौती

रूस में राष्ट्रपति पद के चुनाव के पहले चरण के लिए रविवार को वोट डाले जायेंगे. 11 करोड़ मतदाता इस चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इस बार के चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अलावा सात अन्य उम्मीदवारों चुनावी मैदान में खड़े हैं. हालांकि, पुतिन का चुना जाना तय माना जा रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 18, 2018 8:19 AM

रूस में राष्ट्रपति पद के चुनाव के पहले चरण के लिए रविवार को वोट डाले जायेंगे. 11 करोड़ मतदाता इस चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इस बार के चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अलावा सात अन्य उम्मीदवारों चुनावी मैदान में खड़े हैं. हालांकि, पुतिन का चुना जाना तय माना जा रहा है. तमाम ओपिनियन पोल, नतीजों के आने से पहले ही पुतिन को विजेता घोषित कर चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें 70 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलेंगे. रूस में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी क्रेमलिन यानी राष्ट्रपति कार्यालय करता है. कहा जा रहा है कि पुतिन के खिलाफ जो सात प्रत्याशी खड़े हुए हैं, वे डमी प्रत्याशी हैं. जो चुनौती दे सकते थे, उन्हें चुनाव लड़ने से पहले ही अयोग्य ठहरा दिया गया है.

राष्ट्रपति के बाद बने थे प्रधानमंत्री

पुतिन साल 2000 से ही कभी राष्ट्रपति तो कभी प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में बने हुए हैं. साल 2000 और 2004 में वे राष्ट्रपति बने. लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं रह सकने की बाध्यता के कारण 2008 में सहयोगी दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति बनाकर खुद पीएम बन गये. साल 2012 में पुतिन एक बार फिर राष्ट्रपति बने और उन्होंने राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल से बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया. करीब तीन लाख करोड़ की संपत्ति वाले पुतिन, चौथी बार चुनावी मैदान में अपनी पार्टी यूनाइटेड रशिया की तरफ से प्रत्याशी नहीं हैं.

50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिलने पर दोबारा होगा मतदान: रूस में राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को अगर पहले चरण के चुनाव में पूर्ण बहुमत यानी 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं, तो नियमों के मुताबिक, इसके ठीक तीन हफ्तों के बाद यानी आठ अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग होगी. पुतिन अपना पिछला चुनाव 63-60 प्रतिशत मत लेकर जीते थे.

हिमाचल में भी रूसी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए बूथ : भारत में रह रहे रूसी नागरिकों के वोट डालने के लिए रूसी दूतावास की ओर से हिमाचल में भी मतदान केंद्र बनाया गया है. शनिवार को रूसी नागरिकों ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए बैलेट पेपर पर अपना मत दिया. पहली बार दिल्ली के बाहर भी बूथ बनाये गये हैं.

ये सात दे रहे पुतिन को चुनौती

पावेल ग्रुडिनिन

पार्टी: कम्युनिस्ट
पेशा : बिजेनसमैन
अनुभव : 1997 से 2011 के बीच ड्यूमा में विधायक

ग्रीगोरी यव्लिन्स्की

पार्टी: याबलोको पार्टी , चौथी बार चुनाव में ले रहे भाग
मुद्दा : पश्चिमी यूरोप व अमेरिका के साथ तालमेल रखना

केंसिया सोबचक

पार्टी: सिविक इनिशिएटिव पार्टी
पेशा : पत्रकार
मुद्दा : नाटो के साथ रूस के संबंध को सुधारना

मैक्सिम सुरयेकिन

पार्टी: कम्युनिस्ट ऑफ रसिया, बैंकों के राष्ट्रीयकरण के समर्थक
मुद्दा : परिवहन, उद्योग व ऊर्जा में सुधार

व्लादिमीर जिरिनोव्स्की

पार्टी: लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रूस, रुस के ट्रंप के रूप में प्रसिद्ध
मुद्दा : व्यवसायों की सहायता, उद्योग-विज्ञान के लिए कर छूट

सर्गेई बाबरिन

पार्टी: रूस ऑल-पीपल्स यूनियन पार्टी
सहकारी आंदोलन के समर्थक
मुद्दा : सामाजिक और कल्याण नीति को विकसित करना

बोरिस टिटोव

पार्टी: पार्टी ऑफ ग्रोथ
विदेश नीति के पक्षधर
मुद्दा : रूस की स्थिति मजबूत करना, प्रतिबंधों से निपटना

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आबादी के लिहाज से पंजीकृत मतदाता कम

302 मिलियन डॉलर आवंटित हैं खर्च के लिए .

14 हजार बैलेट प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम लगेंगे.

6.30 लाख डॉलर खर्च कर तैयार हुआ है राष्ट्रपति चुनाव का लोगों.

11 करोड़ से अधिक रूसी नागरिक पंजीकृत मतदाता हैं, जबकि देश की आबादी है 14.23 करोड़.

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