Gr8: बढ़ी हुई सैलरी का विरोध कर रहे ये डॉक्टर्स, वजह जान आप भी करेंगे सलाम

बात जब वेतन बढ़ने की हो, तो हमारा एक्साइटेड होना तो बनता है. आखिर हम में से कई लोग मन लगा कर काम तो इसीलिए करते हैं, ताकि हमारे परफॉर्मेंस पर बॉस की नजर जाये और जब सैलरी बढ़ाने की बात हो तो उनका ‘ध्यान’ हम पर रहे. और जब मन-मुताबिक सैलरी नहीं मिलती, तो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 10, 2018 6:14 PM

बात जब वेतन बढ़ने की हो, तो हमारा एक्साइटेड होना तो बनता है. आखिर हम में से कई लोग मन लगा कर काम तो इसीलिए करते हैं, ताकि हमारे परफॉर्मेंस पर बॉस की नजर जाये और जब सैलरी बढ़ाने की बात हो तो उनका ‘ध्यान’ हम पर रहे. और जब मन-मुताबिक सैलरी नहीं मिलती, तो लोग इसके लिए क्या-कुछ नहीं कर जाते! चाहे पारा टीचर्स हों या हमारे माननीय एमपी-एमएलए.

लेकिन क्या आपने ऐसा कभी सुना है कि कोई अपनी बढ़ी हुई सैलरी का विरोध करे? अपने देश में अगर कोई ऐसा करेगा, तो लोग उसे ‘सनकी’ ही कहेंगे. लेकिन जब एक पूरी की पूरी जमात ही वेतन में बढ़ोतरी के खिलाफ उठ खड़ी हो तो उसे आप क्या कहेंगे?

जी हां, मामला कनाडा का है. यहां डॉक्टरों की बिरादरी अपने बढ़े हुए वेतन के विरोध में अभियान छेड़ रखा है. दरअसल, कनाडाई राज्य क्यूबेक के सैकड़ों डॉक्टरों ने एक ऑनलाइन मुहिम छेड़ रखी है, जिसमें वे अपनी बढ़ी हुई तनख्वाह को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इन डॉक्टरों में जनरल प्रैक्टिशनर्स, स्पेशलिस्ट्स, रेजिडेंट मेडिकल डॉक्टर्स और मेडिकल छात्र शामिल हैं.

इन डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें पहले से ही अच्छी-खासी सैलरी मिल रही है. ऐसे में हमारे मेडिकल फेडरेशन द्वारा बढ़ायी गयी हमारी सैलरी का विरोध करते हैं. डॉक्टर्स चाहते हैं कि यह पैसा स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए.

बढ़ी हुई सैलरी वापस लेने के लिए दायर की गयी डॉक्टरों की ऑनलाइन याचिका में लिखा है कि डॉक्टरों के साथ काम करनेवाले स्टाफ की स्थिति ठीक नहीं है, मरीज भी खुश नहीं हैं, ऐसे में सैलरी बढ़ना उन्हें ठीक नहीं लगता.

याचिकाकर्ता डॉक्टर्स आगे लिखते हैं, अगर हमारे साथी खुश होंगे, इलाज के लिए आनेवाले मरीज संतुष्ट होंगे तो वह हमें अच्छा लगेगा, यह खुशी पैसे बढ़ने से नहीं मिल सकती. बताते चलें कि कनाडा की नर्सें काम के घंटों को लेकर परेशान रहती हैं.

डॉक्टरों की यह अनूठी मुहिम रंग लायी है. आंदोलनरत डॉक्टरों के पक्ष में स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान आ गया है. स्वास्थ्य मंत्री गेटन बारेटे ने कहा है कि अगर डॉक्टरों को लगता है कि उन्हें सच में ज्यादा पैसा दिया जा रहा है, तो वे उस पैसे को छोड़ सकते हैं.

बारेटे ने कहा, मैं वादा करता हूं कि उस पैसे का सही इस्तेमाल होगा. मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय के पास जरूरी कामों के लिए पैसा तो है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यह दौलत बेशुमार है.

यहां यह जानना गौरतलब है कि कनाडा एक ऐसा देश है, जहां पर सबको मुफ्त में मेडिकल की सुविधा मिलती है. इस देश के राज्य क्यूबेक की सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य पर खर्च करने के लिए 5400 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिसे इस साल खर्च किया जाना है.

इस पैसे में स्वास्थ्य सुविधाएं, डॉक्टरों-नर्सों की भर्ती, नये अस्पताल, दवाइयां और बहुत सी चीजें हैं. इसमें डॉक्टरों की बढ़ी हुई तनख्वाह भी है.

इस धरती पर डॉक्टरों को भगवान का रूप माना जाता है. इस बात को साबित करते हैं कनाडा केये डॉक्टर्स, जिन्होंने दूसरों की बेहतरी की उम्मीद लिये अपने वेतन और सुविधाओं में कटौतीकी मांग कर रहे हैं. इस जज्बे को हमारा सलाम!

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