दलार्इ लामा को लेकर दुनिया भर के नेताआें को धमका रहा चीन, मुलाकात करने पर माना जायेगा गंभीर अपराध

बीजिंगः तिब्बत के अध्यात्मिक गुरु दलार्इ लामा को लेकर चीन दुनिया भर के नेताआें को धमकी दे रहा है. उसने विश्व नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से की गयी मुलाकात को एक गंभीर अपराध समझा जायेगा. चीन हमेशा दलाई लामा पर तिब्बत को उससे अलग करने की कोशिश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 21, 2017 5:12 PM

बीजिंगः तिब्बत के अध्यात्मिक गुरु दलार्इ लामा को लेकर चीन दुनिया भर के नेताआें को धमकी दे रहा है. उसने विश्व नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से की गयी मुलाकात को एक गंभीर अपराध समझा जायेगा. चीन हमेशा दलाई लामा पर तिब्बत को उससे अलग करने की कोशिश करने का आरोप लगाता रहा है और उसने लगातार विश्व नेताओं के दलाई लामा से मिलने का विरोध किया है. बीजिंग के साथ कूटनीतिक संबंध बनाने के लिए उसने विदेशी सरकारों को अनिवार्य रूप से तिब्बत को चीन का अंग मानने को भी कहा है.

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इसी साल भारत के तिब्बती आध्यात्मिक नेता को अरुणाचल प्रदेश सहित उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में दौरे की अनुमति देने का भी चीन ने विरोध किया था. दलाई लामा के अपनी मातृभूमि हिमालय में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद 1959 में वह तिब्बत से भाग गये थे और तब से ही वह भारत में निर्वासन में निवास कर रहे हैं.

सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट कार्यकारी उपाध्यक्ष झांग यीजियोंग ने कहा कि किसी भी देश या किसी भी संगठन का दलाई लामा से मिलने का न्यौता स्वीकार करना हमारी नजर में चीनी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला एक गंभीर अपराध होगा.

झांग ने कहा कि चीन दूसरे देशों और नेताओं के 82 वर्षीय दलाई लामा से एक धार्मिक नेता के तौर पर मिलने के किसी भी तर्क को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि मैं यह साफ करना चाहता हूं कि 14वें दलाई लामा धर्म की आड़ में एक राजनीतिक हस्ती हैं.

झांग ने भारत का नाम लिये बिना कहा कि दलाई लामा 1959 में अपनी मातृभूमि को धोखा दे दूसरे देश भाग गये और निर्वासन में अपनी तथाकथित सरकार स्थापित की.

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