सीपीसी की बैठक में बाेले जिनपिंग-देश के हितों की कीमत पर पड़ोसियों से विवाद नहीं सुलझायेंगे

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को आशंकित पड़ोसियों को विवाद बातचीत के जरिये सुलझाने का भरोसा दिया, लेकिन देश के सामरिक हितों की कीमत पर नहीं. शी ने यह बात चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक की शुरुआत करते हुए कही जिसमें उनके अगले पांच साल के दूसरे कार्यकाल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2017 5:43 PM

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को आशंकित पड़ोसियों को विवाद बातचीत के जरिये सुलझाने का भरोसा दिया, लेकिन देश के सामरिक हितों की कीमत पर नहीं. शी ने यह बात चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक की शुरुआत करते हुए कही जिसमें उनके अगले पांच साल के दूसरे कार्यकाल की पुष्टि होनी है. सीपीसी के महासचिव शी ने पांच वर्ष में एक बार होनेवाली कांग्रेस में अपने साढ़े तीन घंटे के संबोधन में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को एक विश्व श्रेणी की सेना बनाने की प्रतिबद्धता जतायी. इस बैठक में उनके दूसरे कार्यकाल की पुष्टि के साथ ही उनके साथ काम करने के लिए नये नेताओं का निर्वाचन होना तय है.

64 वर्षीय शी ने कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ चाइना (सीपीसी) के समाजवादी ढांचे को बरबरार रखते हुए उसे मजबूती प्रदान करने पर बल दिया. बैठक के उद्घाटन सत्र में पूर्व राष्ट्रपतियों जियांग जेमिन, हू जिंताओ के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों वेन जियाबाओ सहित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अन्य पूर्व नेता शी के साथ मंच पर पहली पंक्ति में बैठे हुए थे. सप्ताह भर चलनेवाली बैठक में पार्टी के संविधान का संशोधन भी किया जायेगा. शी ने सेना को मजबूत बनाने, भ्रष्टाचार निरोधक उनका अभियान जारी रहने और समाजवाद का एक नया युग लाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, चीन कभी अन्य के हितों की कीमत पर अपने विकास को आगे नहीं बढ़ायेगा, न ही अपने वैध अधिकार एवं हितों को छोड़ेगा. किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि चीन वह सब कुछ निगल लेगा जो उसके हितों को कमजोर करता है. बैठक में करीब 2300 लोगों ने हिस्सा लिया.

शी ने पड़ोसियों के बारे में कहा कि चीन सौहार्द, ईमानदारी, पारस्परिक लाभ और समावेश के सिद्धांत और साझेदारी एवं मित्रता बनाने की नीति पर पड़ोसियों के साथ अपने संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा. उन्होंने कहा, हमें विवादों को बातचीत एवं चर्चा से सुलझाने की प्रतिबद्धता जतानी चाहिए और पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक खतरों पर अपनी प्रतिक्रिया समन्वित करनी चाहिए तथा आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि चीन और भारत के बीच हाल में सिक्किम क्षेत्र में गतिरोध उत्पन्न हो गया था. इसके साथ ही चीन का दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागरों में पड़ोसियों के साथ समुद्री विवाद है.

बैठक के पहले दिन शी ने अपनी वर्क रिपोर्ट पेश की. उन्होंने कहा कि पार्टी कमांड का पालन करते हुए उनका लक्ष्य पीएलए को एक विश्व श्रेणी की सेना बनाने पर है जिससे कि वह युद्धों को जीत सके. शी ने कहा, 2020 तक आइटी एप्‍लीकेशन और रणनीतिक क्षमताओं में सुधार के साथ मेकैनाइजेशन मूल रूप से प्राप्त किया जायेगा. राष्ट्रीय रक्षा और सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण मूल रूप से 2035 तक पूरा किया जाना चाहिए. सीपीसी एक शक्तिशाली और आधुनिक सेना, नौसेना, वायु सेना, रॉकेट बल और रणनीतिक समर्थन बल का निर्माण करेगा.

शी ने कहा, चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले पांच साल में 54,000 अरब यूआन से बढ़ कर 80,000 अरब युआन (लगभग 12,001 अरब डॉलर) पर पहुंच गया. इस दौरान यह कम्युनिस्ट देश दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को कायम रखने में सफल रहा. शी चिनफिंग ने कहा कि इस दौरान वैश्विक आर्थिक वृद्धि में चीन का योगदान 30 प्रतिशत से अधिक का रहा. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था ने मध्यम से ऊंची वृद्धि दर हासिल की है, जिससे चीन दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आगे बना हुआ है.

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