अमेरिका में भी पसंद के कपड़े पहनने के लिए महिलाओं को करना पड़ता है संघर्ष
वाशिंगटन : अमेरिका एक विकसित देश है, किंतु यहां भी महिलाओं को अपनी पसंद के अनुसार कपड़े पहनने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. गत शुक्रवार को अमेरिका की 30 सांसदों ने स्लीवलेस कपड़े पहनने के अधिकार के लिए स्पीकर की लॉबी में प्रदर्शन किया. दरअसल यहां महिला सांसदों और रिपोर्टर्स को ‘स्लीवलेस’ कपड़े पहनने […]
वाशिंगटन : अमेरिका एक विकसित देश है, किंतु यहां भी महिलाओं को अपनी पसंद के अनुसार कपड़े पहनने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. गत शुक्रवार को अमेरिका की 30 सांसदों ने स्लीवलेस कपड़े पहनने के अधिकार के लिए स्पीकर की लॉबी में प्रदर्शन किया. दरअसल यहां महिला सांसदों और रिपोर्टर्स को ‘स्लीवलेस’ कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है, जिसका वे विरोध कर रहीं हैं.
महिला सांसदों का कहना है कि यहां नियम है कि महिलाएं बिना बाजू के कपड़े में ना आयें, लेकिन अब समय बदल गया है और 2017 में यह परंपरा बेमानी हो गयी है, अत: इसे बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पुरानी परंपरा या नियम के अनुसार यहां महिला शौचालय भी नहीं है, लेकिन उसे होना चाहिए. इसलिए जरूरी है कि आज संसद के कुछ नियम बदले जायें.
…But it’s 2017 and women vote, hold office, + choose their own style. Time to update House Rules to reflect the times! #SleevelessFriday pic.twitter.com/hSJarEsKKy
— Congresswoman Chellie Pingree (@chelliepingree) July 14, 2017
बात चाहे अमेरिका की हो या हिंदुस्तान की. महिलाओं के कपड़े पर प्रतिबंध लगते रहे हैं. कभी जींस ना पहनने की हिदायत दी जाती है, तो कभी स्कर्ट. भारत में अकसर खाप पंचायत इस तरह का फतवा जारी करता रहता है. कभी मुस्लिम महिलाओं को यह हिदायत दी जाती है कि स्किन टाइट कपड़े हराम हैं. महिलाओं ने अकसर इन फतवों का विरोध किया है और पुरुषों से अपील की है कि वे अपनी सोच बदलें.
