क्या खुलने लगी है कांग्रेस-जेएमएम के गठबंधन की गांठ, कांग्रेस नेता ने हेमंत के खिलाफ खोला मोरचा

कांग्रेस के चिंतन शिविर में एक बड़ी चिंता कांग्रेस के कई नेताओं के द्वारा जाहिर की गयी. चिंता इस गठबंधन की सरकार के साथ चलने को लेकर, साथ चलने को लेकर इसलिए क्योंकि कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता और विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने हेमंत सोरेन के साथ गठबंधन की सरकार को लेकर कई सवाल खड़े किये

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2022 5:09 PM

क्या खुलने लगी है कांग्रेस-जेएमएम के गठबंधन की गांठ, कांग्रेस नेता ने हेमंत के खिलाफ खोला मोरचा

कांग्रेस के चिंतन शिविर में एक बड़ी चिंता कांग्रेस के कई नेताओं के द्वारा जाहिर की गयी. चिंता इस गठबंधन की सरकार के साथ चलने को लेकर, साथ चलने को लेकर इसलिए क्योंकि कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता और विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने हेमंत सोरेन के साथ गठबंधन की सरकार को लेकर कई सवाल खड़े किये. सवाल ऐसे जिससे यह साफ पता चलता है कि इस गठबंधन में सबकुछ तो ठीक नहीं है.

कांग्रेस पार्टी समाप्ति की ओर

बन्ना गुप्ता ने कहा, मुख्यमंत्री ही चाहता है कि हमारी कांग्रेस पार्टी समाप्ति की ओर चली जाये, हमारे सारे वोटर उनकी तरफ चले आये तो मैं समझता हूं ऐसी सरकार का कोई औचित्य नहीं है. राष्ट्रभाषा का अपमान नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा होगा तो मैं उसी दिन इस्तीफा देना ज्यादा पसंद करूंगा.

सारा श्रेय अपने हिस्से ले रहे हैं हेमंत सोरेन

आपको कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह का भी बयान सुनना चाहिए जिसमें उन्होंने यह कहा , गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री काम का सारा श्रेय अपने हिस्से ले रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं दिया जा रहा है. दीपिका पांडेय सिंह ने जनता के उस भरोसे का भी जिक्र किया जिसने चुनकर भेजा है.

मैं कड़वा बोलती हूं

कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि मैं कड़वा बोलती हूं मेरी बोली नीम की तरह है अगर कड़वा बोलकर कुछ कार्यकर्ता औऱ जनता का फायदा हो जाये तो मीठी बोली से ज्यादा बेहतर है. कोरोना संक्रमण के दौरान सारे कार्यकर्ता मैदान में थे हर विधायक कोशिश कर रहा था कि बेहतर काम करें काम भी किया, संगठन का एक – एक सिपाही सड़क पर था लेकिन इन सभी कामों का पूरा श्रेय एक तरफा लेकर गया तो वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं. इस मौके पर दीपिका यह गिनाना नहीं भूंली की कांग्रेस के नेता और विधायकों की वजह से कई तरह के अहम फैसले हुए हैं.

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