Independence Day: है आज आजाद देश, तो हैं आजादी के हकदार हम भी, जानें झांसी रेजिमेंट के बारे में…

देश की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और संघर्ष की कहानियां कई बार कही गयी. क्या आप भारतीय राष्ट्रीय सेना की महिला रेजिमेंट झांसी रेजिमेंट को जानते हैं? 12 जुलाई 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने रेजिमेंट के गठन की घोषणा की.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 15, 2022 2:26 PM

Independence day special : Azadi ka Amrit Mahotsav | है आज आजाद देश, तो हैं आजादी के हकदार हम भी

देश की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और संघर्ष की कहानियां कई बार कही गयी. क्या आप भारतीय राष्ट्रीय सेना की महिला रेजिमेंट झांसी रेजिमेंट को जानते हैं? 12 जुलाई 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने रेजिमेंट के गठन की घोषणा की. यूनिट का नाम झांसी रेजिमेंट रखा गया. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर रेजिमेंट का नामकरण किया गया था. कानपुर के अपने क्लिनिक में मरीजों को देखते-देखते लक्ष्मी सहगल ने कहा- ‘लड़ाई जारी रहेगी’. उस समय लक्ष्मी की उम्र 92 साल थी और इस उम्र में भी वो मरीजों को देख रहीं थीं. 24 अक्टूबर, 1914 को मद्रास, अब चेन्नई (Madras, Now Chennai) में पैदा हुईं लक्ष्मी. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेज़ सेना में डॉक्टर्स की भर्ती हो रही थी. लक्ष्मी अंग्रेज़ सेना का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं थीं. सिंगापुर में उनके कुछ रिश्तेदार थे और लक्ष्मी ने वहीं जाकर प्राइवेट प्रैक्टिस शुरू की. उधर, लक्ष्मी के घर की हवा बदल रही थी. उनके घरवाले आज़ादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे. लक्ष्मी भी बदलाव का कारण बनना चाहतीं थीं. इस सिलसिले में वो सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मिलीं. आज़ाद हिन्द फौज की रानी झांसी रेजिमेंट का हिस्सा बनने के लिए हज़ारों महिलाओं ने आवेदन भेजे. 8 जुलाई, 1943 को रानी झांसी रेजिमेंट में महिलाओं की भर्ती शुरू हुई.

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