UP: चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य में प्राकृति और वन्य जीवों के बीच बिताए छुट्टियां

ChandraPrabha Wildlife Sanctuary: वाराणसी से लगभग 57 किलोमीटर दूर चंदौली जिले में विंध्य पर्वत की गोद में स्थित चंद्रप्रभा वन्यजीव दर्शनीय अभयारण्य अतिसुंदर स्थल है. यहां ऊंची पहाड़ियां हैं तो गुफाओं में बने भित्ति चित्र भी हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 25, 2023 7:34 PM

ChandraPrabha Wildlife Sanctuary: वाराणसी से लगभग 57 किलोमीटर दूर चंदौली जिले में विंध्य पर्वत की गोद में स्थित चंद्रप्रभा वन्यजीव दर्शनीय अभयारण्य अतिसुंदर स्थल है. यहां ऊंची पहाड़ियां हैं तो गुफाओं में बने भित्ति चित्र भी हैं. बाग , मचान , सनसेट प्वाइंट एवं चट्टानी गुफाओं के अलावा यहां निवास करने वाले आदिवासियों के पारंपरिक नृत्य – संगीत से सजी शाम जीवनभर न भूलने वाली स्मृतियों का हिस्सा बन जाती है. कभी यहां था एशियाई सिंहों का राज : 78 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य का नाम चंद्रप्रभा नदी के नाम पर पड़ा है. इसका मतलब चांद की चांदनी होता है. यह कर्मनाशा की सहायक नदी है और दोनों नदियां गंगा में मिलती हैं. अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1957 में की गई थी. अगले दो दशक तक तक अभयारण्य एशियाई सिंहों के लिए लोकप्रिय रहा. आज यहां तेंदुआ , लकड़बग्घा , भेड़िया , जंगली सुअर , सांभर , चिंकारा , चीतल , साही , घड़ियाल , अजगर व पक्षियों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं अभयारण्य में बर्ड पार्क भी है , जिसमें पक्षियों की 150 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. निकट ही कैमूर पर्वतमाला पर स्थित नौगढ़ का किला और ‘चंद्रकांता’ उपन्यास के रहस्यों को अपने में समेटे विजयगढ़ का किला भला कौन नहीं देखना चाहेगा.

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