वरिष्ठ संघ प्रचारक इन्द्रेश कुमार ने कांग्रेस को बताया देश के बंटवारे का गुनहगार, सलमान खुर्शीद को दी यह नसीहत

Varanasi News: वरिष्ठ संघ प्रचारक इन्द्रेश कुमार संस्कृति संसद में भाग लेने के लिए बुधवार को वाराणसी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.

By Prabhat Khabar | November 11, 2021 7:23 PM

Varanasi News: वरिष्ठ संघ प्रचारक इन्द्रेश कुमार 12 से 14 नवम्बर तक आयोजित होने जा रही संस्कृति संसद में शामिल होने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं. 12 तारीख से शुरू हो रही धर्म संसद के पहले आज उन्होंने मीडिया से बातचीत की. सलमान खुर्शीद की किताब में हिन्दू धर्म पर दिए गए विवादित कंटेट पर उन्होंने सलमान खुर्शीद को देश और धर्म के सम्मान का पाठ पढ़ने की नसीहत देकर कांग्रेस को देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ न करने की बात कही.

वरिष्ठ संघ प्रचारक इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में हिन्दू और हिंदुत्व को गाली देने की कोशिश की है. जो आकाश पर थूकता है, थूक उसके चेहरे पर ही गिरता है. हिन्दू और हिंदुत्व सर्वसमावेशी थे और रहेंगे. पूरी दुनिया ने माना है कि सभी धर्म और जाति का सम्मान कहीं है तो वह हिंदुस्तान में है. सलमान खुर्शीद का हिंदू, हिंदुस्तान और हिंदुस्तान पर टिप्पणी करना और आतंकी कहना संविधान, मानवता, लोकतंत्र, बापू, परम्परा और पूर्वजों का घोर अपमान है. यह नबी और पैगम्बरों का भी अपमान है. किताब लिखकर सलमान खुर्शीद ने केवल पाप और अपराध कमाया है.

इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सन 1947 में कांग्रेस देश के विभाजन के हस्ताक्षर की गुनाहगार है. जिन्ना भी हस्ताक्षर करके विभाजन के गुनाहगार हैं. वह लोग गुनाह करते-करते अब विकसित और दुनिया का महान देश के बजाय भारत को गरीब, पिछड़ा और अविकसित देश बना दिया है, जो शर्मनाक है.

वरिष्ठ संघ प्रचारक ने ऐसे नेताओं से अपील है कि यदि वह सही न लिख सकें तो अपने अज्ञानता और क्रूरता को न फैलायें. यदि सलमान अच्छे इंसान होंगे तो खुद दु:खी महसूस करेंगे. यदि वह क्षमा नहीं मांगेंगे तो समझ लेना चाहिए कि वह कैसे इंसान हैं.

इन्द्रेश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 1947 में जो स्वतंत्रता मिली, वह विभाजन के रूप में मिली. अखंडता के रूप में नहीं. वह सद्भाव एकता और भाईचारे के रूप में नहीं, बल्कि खून खराबे के रूप में मिली. इसलिए कुछ लोगों को लगता है कि स्वतंत्रता और स्वराज अभी भी अधूरा है. इसलिए कहा जाता है कि वर्ष 2014 के बाद भारत विश्वगुरु बनने के दिग्विजय यात्रा की ओर बढ़ रहा है. उसके पहले का समय जितना बेहतर होना चाहिए था, नहीं है.

वरिष्ठ संघ प्रचारक ने कहा कि कहा कि हमने संकल्प करवाया है कि मानसरोवर चीन से अलग हो, पाकिस्तान की शैतानी प्रवृतियां खत्म हो. हम नहीं चाहते मजहब के नाम पर दंगे हो, जाति के नाम पर छुआछूत हो, लिंग के नाम पर नारी का शोषण हो, पर्यावरण के कारण प्रदूषण बढ़ता चला जाये. हम चाहते हैं कि भारत एक सशक्त और मजबूत देश बने. इसके बीच रोड़ा बनने वालों को मुहतोड़ जबाब मिले.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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