Surya Grahan 2020: सूर्य ग्रहण के समय बन रहा है ये अशुभ योग, जानिए किन लोगों को रहना होगा सावधान

Surya Grahan 14 December 2020: पंचांग के अनुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर दिन सोमवार को वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है. साल का अंतिम सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगने जा रहा है. इस दिन सोमवती अमावस्या का पर्व भी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2020 6:24 PM

Surya Grahan 14 December 2020: पंचांग के अनुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर दिन सोमवार को वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है. साल का अंतिम सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लगने जा रहा है. इस दिन सोमवती अमावस्या का पर्व भी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे.

ऐसी स्थिति कई साल बाद बन रही है, जब वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे. इस बार सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चंडाल योग बन रहा है. इस योग को सबसे अशुभ योग माना जाता है. सूर्य ग्रहण के दौरान पांच ग्रह सूर्य, शुक्र, बुध, केतु और चंद्रमा एक साथ होने के कारण मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला और मकर राशि पर गुरु चंडाल योग का सबसे बुरा असर पड़ सकता है.

वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा. वहीं, ग्रहण का नक्षत्र ज्येष्ठा है. इस कारण सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृश्चिक राशि और मिथुन राशि पर पड़ेगा. इसलिए इन दोनों ही राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है.

सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की रहेगी ये स्थिति

सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे. वहीं, ज्योतिष गणना के अनुसार सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे. ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है.

बन रहा है गुरु चंडाल योग

सूर्य ग्रहण के समय एक खतरनाक योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग को गुरु चंडाल योग कहते हैं. यह योग जन्म कुंडली में तब बनाता है जब गुरु के साथ राहु एक ही स्थान में बैठ जाए. वहीं जब दोनों ग्रह कुंडली के अलग-अलग भाव में बैठकर एक-दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखें तो भी गुरु चंडाल योग का निर्माण होता है. इस समय गुरु शनि के साथ मकर राशि और राहु वृष राशि में विराजमान है.

गुरु चांडाल योग को माना जाता है खतरनाक

ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अशुभ और खतरनाक योगों में रखा गया है. गुरु चंडाल योग जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है उसके जीवन में हमेशा अस्थिरता बनी रहती है. सफलता के लिए उसे लंबा संघर्ष करना पड़ता है. सभी कार्य में बाधा का सामना करना पड़ता है. इसलिए जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग है, इस दौरान विशेष सर्तकता और सावधानी बरतें.

News posted by : Radheshyam kushwaha

Next Article

Exit mobile version