Oscar 2022:भारत की Writing With Fire ऑस्कर में नहीं जीत पाई अवार्ड,जानें किस पर बेस्ड है ये डॉक्यूमेंट्री

बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में Summer of Soul ने ऑस्कर अपने नाम किया. भारत की तरफ से इस कैटेगरी में नॉमिनेट हुई फिल्म Writing With Fire अवॉर्ड जीतने से चूक गई.

By Agency | March 28, 2022 11:46 AM

Oscar 2022: 94वें अकादमी अवॉर्ड्स या ऑस्कर 2022 (Oscar) का आयोजन आज कैलिफोर्निया स्थित लॉस एंजेलिस में हुआ. इस साल विल स्मिथ (Will Smith) ने फ‍िल्म किंग रिचर्ड (King Richard) के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता. जबकि Jessica Chastain को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता. वहीं, बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में नॉमिनेट हुई भारत की ओर से फिल्म ‘राइटिंग विद फायर’ (Writing With Fire) अवॉर्ड अपने नाम करने में नाकामयाब हुई.

बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में Summer of Soul ने ऑस्कर अपने नाम किया. भारत की तरफ से इस कैटेगरी में नॉमिनेट हुई फिल्म Writing With Fire अवॉर्ड जीतने से चूक गई. इसे रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष द्वारा निर्देशित किय गया है. बता दें कि इस फिल्म की कहानी दुनियाभर के लोगों को काफी पसन्द आई है.

भारतीय डॉक्यूमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ को ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र की श्रेणी में ‘समर ऑफ सोल’ ने मात दे दी. ‘राइटिंग विद फायर’ दलित महिलाओं द्वारा चलाए गए एक समाचार पत्र ‘खबर लहरिया’ पर आधारित कहानी है. इस मीडिया संगठन की पूरी टीम वक्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रिंट मीडिया छोड़कर पूरी तरह डिजिटल माध्यम को अपना लेती है.

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हॉलीवुड के सबसे बड़े पुरस्कार समारोह ऑस्कर के 94वें संस्करण में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री श्रेणी में ‘एसेंशन’, ‘एटिका’ और ‘फ्ली’ भी दौड़ में थीं. ‘राइटिंग विद फायर’ का निर्देशन रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने किया है. पुरस्कार समारोह आयोजित होने से कुछ हफ्ते पहले, फिल्म उस समय विवादों में घिर गई थी, जब अखबार संगठन ने एक बयान जारी कर कहा था कि डॉक्यूमेंट्री में उनकी कहानी को सही से प्रस्तुत नहीं किया गया है.

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे फिल्म की ऑस्कर जीतने की संभावनाएं प्रभावित हुई या नहीं. ग्रामीण मीडिया संगठन ‘खबर लहरिया’ ने पिछले सप्ताह कहा था कि ‘राइटिंग विद फायर’ में उनके बारे में जो कुछ दिखाया-बताया गया है, वह अधूरा है. ‘खबर लहरिया’ की संपादक कविता बुंदेलखंडी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, ‘‘हमें इस बात पर बहुत गर्व है कि हमारे संगठन पर इस तरह का डॉक्यूमेंट्री बनाया गया….हम जानते हैं कि स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के पास यह विशेषाधिकार है कि वे अपने ढंग से कहानी पेश कर सकते हैं, लेकिन हमारा यह कहना है कि पिछले 20 वर्षों से हमने जिस तरह की स्थानीय पत्रकारिता की है या करने की कोशिश की है, फिल्म में वह नजर नहीं आती.

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