UP: बरेली में बसपा अंबेडकर जयंती पर मायावती के मिशन का करेंगे बखान, BJP दलितों को याद दिलाएगी गेस्ट हाउस कांड

बरेली: डॉ. भीमराव अंबेडकर की 14 अप्रैल को 133 वीं जयंती है. यह जयंती देश में हर वर्ष मनाई जाती है. इस साल डॉ. अंबेडकर की जयंती को लेकर सियासी दलों में होड़ लगी है. बसपा प्रमुख मायावती ने गांव और वार्ड स्तर पर जयंती समारोह मनाने का फैसला लिया है.

By Prabhat Khabar | April 13, 2023 9:39 AM

Bareilly: संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 14 अप्रैल को 133 वीं जयंती है. यह जयंती देश में हर वर्ष मनाई जाती है. इस साल डॉ. अंबेडकर की जयंती को लेकर सियासी दलों में होड़ लगी है. बसपा प्रमुख मायावती ने गांव और वार्ड स्तर पर जयंती समारोह मनाने का फैसला लिया है. इसमें संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर के बारे में बताया जाएगा. इसके साथ ही उनके मिशन को बसपा प्रमुख मायावती कैसे आगे बढ़ा रही हैं. यह भी दलित समाज को बताया जाएगा. सपा ने धूमधाम के साथ डॉक्टर अंबेडकर जयंती मनाने का फैसला लिया है. प्रदेश भर में सपाई अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करेंगे. कांग्रेस ने भी प्रोग्राम जारी कर दिया है.

भाजपा याद दिलाएगी गेस्ट हाउस कांड

यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा वर्ष 1995 के चर्चित गेस्‍ट हाउस कांड मामले को लेकर दलितों को लुभाने के लिए एक नए मंसूबे पर काम कर रही है. प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा ने 14 अप्रैल को अम्‍बेडकर जंयती के मौके पर एक प्रदेशव्‍यापी अभियान चलाने का फैसला लिया है. इसमें दलितों को बताया जाएगा कि किस तरह भाजपा नेता ब्रह्मदत्‍त द्विवेदी ने गेस्‍ट हाउस कांड के दौरान सपा कार्यकर्ताओं से बसपा की मौजूदा मुखिया मायावती की जान बचाई थी.

लोकसभा चुनाव हार गए थे डॉक्टर अंबेडकर

देश 1947 में आजाद हुआ.इसके बाद संविधान लिखने की चुनौती थी. हमारा संविधान कैसा हो.इस चुनौती के बीच संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉक्टर अंबेडकर को चुना गया.फरवरी 1952 में चुनाव संपन्न हुए.इसमें बाबा साहब भी चुनाव लडे.मगर, वह चुनाव नहीं जीते.

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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म स्थान

डॉक्टर अंबेडकर का 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू गांव में जन्म हुआ था. वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे. इस दिन को भीम जयंती के भी कहते हैं, इस दिन को भारत में समानता दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया जाता है. क्योंकि उन्होंने छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव मिटाने के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली

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