Kanpur Shikh Riots: सिखों के नरसंहार में पूर्व पार्षद समेत चार गिरफ्तार, अब तक 15 की हुई गिरफ्तारी

Kanpur Shikh Riots: कानपुर में सन 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में एसआईटी लगातार आरोपियों की धर पकड़ कर रही है. 1984 के दंगे में एक ही सिख परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाले मुख्य आरोपित पूर्व पार्षद और उसके सगे भाई समेत चार लोगों को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar | July 7, 2022 2:44 PM

Kanpur Shikh Riots: कानपुर में सन 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में एसआईटी लगातार आरोपियों की धर पकड़ कर रही है. 1984 के दंगे में एक ही सिख परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाले मुख्य आरोपित पूर्व पार्षद और उसके सगे भाई समेत चार लोगों को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है. चार में से दो गिरफ्तारियां एक केस में जबकि दो लोगो की दूसरे केस में हुई हैं. वही अब तक सिख विरोधी दंगे में उपद्रव करने वाले 15 आरोपियों कर लिया गया है.जल्द ही एसआईटी अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करेगी.

एक ही परिवार के 7 लोगो की हुई थी हत्या

एसआईटी डीआईजी बालेन्दु भूषण सिंह के मुताबिक केस नंबर 404/84 गोविंद नगर थाने में दर्ज किया गया था. इस घटना में विशाखा सिंह उनकी पत्नी सरनकौर, बेटी गरवचन सिंह, बेटे जोगेन्द्र, गुरुचरन, छत्तरपाल और गुरूमुख सिंह की हत्या की गई थी. इस केस के दो गवाह बचे थे और उन्हीं की गवाही पर आठ लोगों को नामजद किया गया था.इनमें तीन की मौत हो चुकी है. पांच आरोपितों की गिरफ्तारी शेष रह गई है. इस घटना के मुख्य आरोपित पूर्व पार्षद दबौली निवासी भरत शर्मा और उसके सगे भाई योगेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. इनके लिए बुधवार की रात को एसआईटी ने छापेमारी की थी

गुरुद्वारे में घुसकर हत्या मर 12 आरोपित नामजद

बता दें कि केस नंबर 574/84 दर्ज मामले में भीड़ ने गुरुद्वारे में घुसकर हमला किया गया था.हमले में शार्दुल सिंह और गुरुदयाल सिंह की हत्या हुई थी. इसकी जांच करते हुए एसआईटी ने 12 आरोपितों को नामजद किया था. इसमें दो की मौत हो चुकी है. इसी घटना में एसआईटी टीम ने देर रात किदवई नगर इलाके में छापेमारी की जिसमें के ब्लॉक किदवई नगर निवासी सिद्ध गोपाल गुप्ता (66) और ए ब्लॉक यशोदा नगर निवासी जितेन्द्र कुमार (58) को गिरफ्तार किया गया है.

शार्दुल के भाई पुरुषोत्तम सिंह ने 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.उस वक्त यह पहला मामला था, जिसमें नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था.वादी ने अपनी तहरीर में एसके ड्राई क्लीनर्स, बाबा होटल वाला, तिवारी पान वाला और उसके दो भाई, हींग वाला, तिवारी पान वाले के घर के पीछे सब्जी वाला, विजय ज्वैलर्स, सिद्ध गृहस्थी वाला, कन्हैया त्रिवेदी के मकान के पीछे वाला, मेडिकल स्टोर वाला, बिजली की दुकान वाला और रेलवे गार्ड को आरोपित बनाया था. इसमें से रेलवे गार्ड, एसके ड्राई क्लीनर्स के आरोपित, तिवारी पान वाले का एक भाई, बाबा होटल के तत्कालीन मालिक व एक अन्य की मृत्यु हो चुकी है.

पीटने के बाद जलाकर मार दिया

1984 के सिख विरोधी दंगों में के-ब्लॉक किदवई नगर स्थित गुरुद्वारा बाबा नामदेव (पुराना) में सेवादार समेत दो लोगों की पीटने के बाद जलाकर हत्या कर दी गई थी.मारे गए लोगों के नाम पर गुरुद्वारे को स्मारक बनाने की कवायद चल रही है. सेवादार शार्दुल सिंह और गुरुदयाल सिंह की हत्या के आरोप में ही दो गिरफ्तारियां हुई हैं. संत बाबा गुरुमुख सिंह जी गुरुद्वारे में प्रवचन करते थे. पहली नवंबर को यहां अचानक दंगाइयों ने धावा बोल दिया था.

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