बंगाल में सोने के मोहरों की कहानी सुनाकर ठगबाजी का सिलसिला फिर शुरू ! पुलिस ने दौड़ाकर दो को दबोचा

हावड़ा बागनान इलाके के दो कारोबारियों को ये लोग चूना लगाने वाले ही थे कि पुलिस ने इनका फोन ट्रेस कर इन दोनों ठगबाजों को भागते समय दौड़ा कर गिरफ्तार किया है. यहां चर्चा कर दें कि सोने के मोहरों का लालच देकर लोगों से ठगी करने का यह पहला मामला नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2022 1:11 PM

बीरभूम : घर बनाने के लिए नीव की मिट्टी खुदाई के समय सोने के मोहरों से भरा घड़ा मिलने की कहानी सुनाकर ठगी पश्चिम बंगाल में की जा रही है. ताजा मामला बीरभूम जिले से सामने आया है. यहां सस्ते दर पर उक्त सोने के मोहरों को बेचने का झांसा देकर लोगों को नकली सोने की मुहर पकड़ाया जा रहा है. मामले में बीरभूम जिले के सैंथिया थाना पुलिस ने नकली सैकड़ों मोहरों के साथ दो ठगबाजो को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है.

भारी मात्रा में नकली सोने के सिक्के बरामद

इनके पास से पुलिस ने भारी मात्रा में नकली सोने के सिक्के समेत एक हथियार, मोबाइल फोन और एक राउंड गोली जब्त किया है. सैंथिया थाना प्रभारी ने गिरफ्तार आरोपियों का नाम शेख काजल ,शेख जहीरुल बताया है. ये सभी थाना क्षेत्र के हासिया पुकुर इलाके के रहने वाले है. जिले के सैंथिया पुलिस ने इन्हें गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया है. इनके पास से 210 नकली सोने के सिक्के जब्त किये गये है. वही एक मोबाइल फोन, एक पाईप गन और एक राउंड गोली भी जब्त की गई है.

पुलिस ने ठगबाजों को भागते समय दौड़ा कर गिरफ्तार किया

हावड़ा बागनान इलाके के दो कारोबारियों को ये लोग चूना लगाने वाले ही थे कि पुलिस ने इनका फोन ट्रेस कर इन दोनों ठगबाजों को भागते समय दौड़ा कर गिरफ्तार किया है. यहां चर्चा कर दें कि सोने के मोहरों का लालच देकर लोगों से ठगी करने का यह पहला मामला नहीं है. इसी वर्ष कुछ दिन पहले ही सोने के नकली सिक्के के साथ दो ठगबाजो को गिरफ्तार किया गया था. बीरभूम जिले के बोलपुर थाना पुलिस ने दो ठगबाजों को सैकड़ों नकली सोने के मोहरों के साथ गिरफ्तार किया था.

फोन कर अपनी बातों पर फांसते थे ठग

इन ठगबाजों की गिरफ्तारी से एक बात साफ हो गयी है कि सोने के मोहरों का कलश मिलने की घटना की कहानी सुनाकर और लोगों को फोन कर अपनी बातों पर फांस कर ये ठगबाज ठगबाजी का गोरखधंधा चलाते है. खरीदार को पहले असली सोने का एक मोहर जांच के लिए देते है. खरीदार उक्त मोहर की जांच के बाद असली मोहर समझकर लाखों रुपये में सैकड़ों सोने के मोहर खरीद लेते थे. जब घर ले जाकर पुनः जांच करवाया जाता है तो सारे मोहर नकली पाए जाते है.

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थाने में जाकर ठगबाजी का मामला दायर

इसके बाद ठगा गया शख्स थाने में जाकर ठगबाजी का मामला दायर करता है, लेकिन तबतक काफी देर हो चुका होता है. जिनकी किस्मत अच्छी होती है उन्हें कुछ हद तक उक्त ठगबाजो से उगाही हो जाती है. अन्यथा वह सिर पिट कर रह जाता है. बीरभूम और पूर्व बर्दवान जिले समेत कोलकाता आदि कई इलाकों में यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस गैंग का जाल कोलकाता और उपनगरों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है.

रिपोर्ट : मुकेश तिवारी

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