झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने खदान से गलत तरीके से लौह अयस्क उठाव पर जतायी नाराजगी, मिली कई खामियां

Jharkhand News (किरीबुरू/नोवामुंडी) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने नोवामुंडी स्थित पद्म कुमार जैन की ठकुरानी आयरन ओर माइंस का दौरा कर उक्त कंपनी प्रबंधन और अपने ही सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि उक्त खदान प्रबंधन द्वारा इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (Indian Bureau of Mines - IBM) को जो रिपोर्ट भेजा गया है उसके अनुसार खदान के अलग-अलग 8 हिस्सों में फाइंस, साइज ओर, 5/18 आदि अयस्क जिसका ग्रेड 58 से लेकर 65 तक होने की बात कही गयी है. लेकिन जांच के क्रम में 8 जगहों पर लौह अयस्क दिखा तक नहीं. उन्होंने खदान से गलत तरीके से लौह अयस्क उठाव का आरोप लगाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2021 5:25 PM

Jharkhand News (किरीबुरू/नोवामुंडी) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने नोवामुंडी स्थित पद्म कुमार जैन की ठकुरानी आयरन ओर माइंस का दौरा कर उक्त कंपनी प्रबंधन और अपने ही सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि उक्त खदान प्रबंधन द्वारा इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (Indian Bureau of Mines – IBM) को जो रिपोर्ट भेजा गया है उसके अनुसार खदान के अलग-अलग 8 हिस्सों में फाइंस, साइज ओर, 5/18 आदि अयस्क जिसका ग्रेड 58 से लेकर 65 तक होने की बात कही गयी है. लेकिन जांच के क्रम में 8 जगहों पर लौह अयस्क दिखा तक नहीं. उन्होंने खदान से गलत तरीके से लौह अयस्क उठाव का आरोप लगाया है.

पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब विभाग खदान में लौह अयस्क स्टॉक की जांच कर रहा था, तो तमाम स्टॉक की मार्किंग करना था, लेकिन वह मार्किंग नहीं किया गया कि कहां पर किस ग्रेड का कितना अयस्क का भंडार है. वर्तमान में जितना अयस्क दिख रहा है वह स्टॉक से अधिक नजर आ रहा है जिससे भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की संभावना दिख रही है.

उन्होंने कहा कि उक्त खदान प्रबंधन ने पूर्व में अवैध खनन किया था जिसकी जांच के बाद उसपर फाइन किया गया था. इसी फाइन के पैसे की वसूली उक्त खदान में मौजूद अयस्क को बेचने के लिए पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा ओपेन टेंडर किया गया था. इस पूरे प्रकरण में ग्रेड एवं भंडार से जुड़े कई विवाद व सवाल खड़े हो रहे थे. इसी के तहत खदान का दौरा कर यह जानने की कोशिश की गयी, ताकि राज्य सरकार के राजस्व पर इसका असर नहीं पड़े एवं इसका लाभ स्थानीय लोगों को भी मिले.

Also Read: Jharkhand Cyber Crime News : साइबर क्रिमिनल लगातार बदल रहे ठगी का ट्रेंड, पुलिस को चकमा देने के लिए ट्रेनिंग और वर्कशॉप तक से सीख रहे गुर

बता दें कि उक्त खदान प्रबंधन द्वारा IBM को लौह अयस्क का ग्रेड संबंधित पूर्व में दी गयी जानकारी तथा सरकार द्वारा निकाली गयी ओपेन टेंडर से जुड़ी अयस्क का ग्रेड व स्टॉक में भारी भिन्नता नजर आ रही है. इससे राज्य के राजस्व को होने वाला भारी नुकसान को बचा कर राज्य व यहां की जनता का सर्वांगीण विकास व रोजगार मूलक कार्य किया जा सकता है.

दो सरकारी संस्था में यहां की अयस्क की गुणवत्ता (ग्रेड) और स्टॉक में जब काफी भिन्नता है, तो इसकी निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करानी चाहिए. केंद्र सरकार भी इस मामले की जांच कराये क्योंकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों को इससे राजस्व मिलता है तथा दोनों को इससे भारी नुकसान होगा.

उन्होंने कहा कि 5-6 स्थानों पर 55 से 65 ग्रेड का अयस्क एक लाख टन से भी अधिक है, लेकिन 54 ग्रेड का अयस्क कहीं नहीं है. राज्य सरकार पुरानी टेंडर को रद्द कर खदान में अयस्क की गुणवत्ता एवं स्टॉक का निष्पक्ष जांच स्वतंत्र एजेंसी से करा कर नये सिरे से टेंडर निकाले.

Also Read: Coronavirus 3rd Wave News : झारखंड में अगस्त माह तक कोरोना की तीसरी लहर आने की एक्सपर्टस ने जतायी संभावना, राज्य सरकार तैयार

उन्होंने कहा कि खनन कंपनियां अपने लाभ एवं स्वार्थ की खातिर नियम विरुद्ध खनन कार्य कर वन, पर्यावरण, वन्यप्राणियों आदि को भारी नुकसान पहुंचाने के अलावे वन्य प्राणियों के विचरण मार्ग को खत्म कर दे रही है. खदान बंद होने के बाद खदान प्रबंधन को नियमतः खोदे गये हिस्सों में मिट्टी भर कर उसे समतल कर उसपर पौधारोपण करते हुए जंगल का निर्माण करना है, लेकिन इस कार्य की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version