पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले तृणमूल कांग्रेस में असंतोष, भाजपा देख रही मौके

West Bengal Election 2021, Trinamool Congress, Bharatiya Janata Party: अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. उम्मीद है कि अप्रैल-मई के महीने में बंगाल में चुनाव कराये जा सकते हैं. चुनाव से कुछ महीने पहले ही बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में असंतोष सतह पर आने लगे हैं. इसलिए तृणमूल को दो मोर्चे पर लड़ाई लड़नी पड़ रही है. एक तरफ विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उसे परेशान कर रखा है, तो दूसरी तरफ अपनी ही पार्टी में उपजे असंतोष से निबटने की चुनौती भी उसके सामने है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 23, 2020 2:58 PM

कोलकाता : अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. उम्मीद है कि अप्रैल-मई के महीने में बंगाल में चुनाव कराये जा सकते हैं. चुनाव से कुछ महीने पहले ही बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में असंतोष सतह पर आने लगे हैं. इसलिए तृणमूल को दो मोर्चे पर लड़ाई लड़नी पड़ रही है. एक तरफ विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उसे परेशान कर रखा है, तो दूसरी तरफ अपनी ही पार्टी में उपजे असंतोष से निबटने की चुनौती भी उसके सामने है.

तृणमूल कांग्रेस के अनेक सदस्यों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठायी है. राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी समेत टीएमसी के कई पदाधिकारियों ने ममता बनर्जी नीत शासन के खिलाफ खुले तौर पर शिकायतें की हैं. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता असंतुष्टों को शांत करने के उपाय खोज रहे हैं.

शुभेंदु अधिकारी ने बीते कुछ महीनों से पार्टी के शीर्ष नेताओं से दूरी बनाकर रखी है. कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पैठ है और ममता बनर्जी के बाद पार्टी में वह दूसरे नंबर के नेता माने जाते हैं. दूसरी ओर, तृणमूल नेतृत्व का कहना है कि मंत्री ‘पार्टी के साथ हैं’ और जैसी आशंकाएं जतायी जा रही हैं, वैसा कोई संकट नहीं है.

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माना जा रहा है कि पार्टी ने उनसे बातचीत शुरू कर दी है. शुभेंदु अधिकारी का पूर्वी मेदिनीपुर और जंगलमहल क्षेत्र की करीब 45 सीटों पर प्रभाव माना जाता है. हालांकि, पार्टी का एक वर्ग उनके अगले कदम को लेकर आशंकित भी है.

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा, ‘वर्ष 2021 में सत्ता में लौटना है, तो उन्हें पार्टी में बनाकर रखना महत्वपूर्ण है. अगर वह पार्टी छोड़ देते हैं, तो इसका चुनाव की दृष्टि और राजनीतिक रूप से प्रतिकूल असर पड़ेगा.’

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सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी को लगता है कि ‘उनके पर कतरने के प्रयास किये जा रहे हैं’. हाल ही में अनेक जिलों के तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था और पार्टी पर पुराने नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया था.

हालांकि, वरिष्ठ तृणमूल नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी संगठन का ही हिस्सा हैं. पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने की कोशिश में लगी भाजपा को तृणमूल के अंदर चल रही उठापटक में संभावनाएं दिख रही हैं. पार्टी का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी में कुशल संगठकों और नेताओं का कोई स्थान नहीं है.

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘भाजपा जैसी पार्टी ही अच्छी संगठन क्षमता और शासन क्षमता वाले नेताओं का सम्मान कर सकती है. तृणमूल कांग्रेस व्यक्तिगत जागीर की तरह काम करती है. इसमें कभी शुभेंदु अधिकारी जैसे सक्षम नेताओं को सम्मान नहीं मिल सकता.’ पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले वर्ष अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

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