WB Election 2021 से पहले माजिद मास्टर का लेफ्ट पर बड़ा हमला, बोले- CPM अब वामपंथी नहीं

WB Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व नेता माजिद मास्टर ने अपनी ही पार्टी पर बड़ा हमला कर दिया है. कहा है कि फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से हाथ मिलाने के बाद माकपा अब वामपंथी नहीं रही. उत्तर 24 परगना जिला के बड़े नेता रहे माजिद मास्टर का वास्तविक नाम माजिद अली है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2021 5:14 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व नेता माजिद मास्टर ने अपनी ही पार्टी पर बड़ा हमला कर दिया है. कहा है कि फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी से हाथ मिलाने के बाद माकपा अब वामपंथी नहीं रही. उत्तर 24 परगना जिला के बड़े नेता रहे माजिद मास्टर का वास्तविक नाम माजिद अली है.

माजिद अली राजनीति की दुनिया में माजिद मास्टर के नाम से ही जाने जाते हैं. वाम मोर्चा सरकार के कार्यकाल में भेड़ी इलाके में उनकी तूती बोलती थी. विरोधी दलों के लिए वह आतंक का पर्याय थे. लेकिन, वर्ष 2015 में उन्होंने अपने कंधे से लाल झंडा का बोझ उतार दिया. माकपा की सदस्यता का नवीकरण भी नहीं करवाया.

माकपा से अपने सारे संपर्क तोड़ लिये हैं, लेकिन राजनीति की खोज-खबर आज भी पहले की तरह ही रखते हैं. उनका कहना है कि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में जब माकपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, तभी पार्टी अपने सिद्धांत से भटक गयी. और अब जबकि अब्बास सिद्दीकी को संयुक्त मोर्चा का घटक दल बना लिया है, तो पुराने वामपंथी नेता इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे.

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माजिद मास्टर कहते हैं कि माकपा जब अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन कर सकती है, तो आने वाले दिनों में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी हाथ मिला सकती है. दोनों पार्टियों का चरित्र एक जैसा है. मुझे इन दोनों पार्टियों के बीच कोई फर्क नहीं दिखता. यही वजह है कि मुझे लगता है कि आइएसएफ से हाथ मिलाने के बाद माकपा वामपंथी नहीं रही.

माजिद कहते हैं कि मैं 1979 से राजनीति कर रहा हूं. जिन लोगों ने हमें राजनीति का ककहरा सिखाया था, उन्होंने ही वामपंथ और कांग्रेस की विचारधारा का अंतर भी बताया था. उसी अंतर को समझने के बाद हमने माकपा की विचारधारा को अपनाया. जिन्होंने हमें राजनीति में आदर्श का पाठ पढ़ाया था, अब वे इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन, उनकी शिक्षा गलत नहीं थी.

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उन्होंने कहा कि माकपा आज सारे आदर्शों की तिलांजलि देकर कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रही है. इसलिए मैं कहता हूं कि सीपीएम अब वामपंथी नहीं है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि लंबे अरसे बाद वर्ष 2020 में माजिद मास्टर अपने सासन स्थित घर लौट आये. लेफ्ट के कार्यकाल में उनकी जो हनक थी, अब नहीं रही. कभी स्कूल शिक्षक रहे माजिद मास्टर की अब भेड़ी में भी राजनीतिक पकड़ नहीं रही. खेती-किसानी करके वक्त बिता रहे हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

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