Chhattisgarh News: तीन आंखों के साथ जन्मी बछिया को भगवान का अवतार मानकर लोगों ने शुरू कर दी पूजा

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एक ऐसी बछिया का जन्म हुआ है, जिसके तीन आंखें हैं. नाक में चार छिद्र हैं. ईश्वर का अवतार मानकर लोग इसकी पूजा कर रहे हैं...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2022 3:27 PM

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में तीन आंख और चार नासिका छिद्र के साथ जन्मी बछिया को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. ग्रामीण और आसपास लोग बछिया को ‘भगवान का अवतार’ मान पूजा कर रहे हैं. राजनांदगांव जिले के छुईखदान थाना क्षेत्र के अंतर्गत लोधी गांव निवासी किसान हेमंत चंदेल (44) ने सोमवार को बताया कि इस महीने की 13 तारीख को उसके घर एक गाय ने बछिया को जन्म दिया है.

जन्म के बाद से ही बछिया ग्रामीण और आसपास के कस्बों के निवासियों के लिए कौतूहल का केंद्र बन गयी है. उसने बताया, ‘इस बछिया के ​माथे पर एक अतिरिक्त आंख है और नथुने में दो अतिरिक्त नासिका छिद्र हैं. पूंछ जटा की तरह है तथा ​जीभ सामान्य से लंबी है.’ चंदेल ने बताया कि तीन आंख और चार नासिका छिद्र समेत अन्य भिन्नताओं को लेकर जन्मी इस ​बछिया को लोग भगवान का अवतार मान पूजा कर रहे हैं.

​चंदेल ने बताया कि बछिया के असामान्य होने के बाद उन्होंने स्थानीय पशु चिकित्सक से उसकी जांच करायी थी. चिकित्सक ने बछिया के स्वास्थ्य को संतोषजनक बताया है. हालांकि, लंबी जीभ होने के कारण उसे मां का दूध पीने में परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि परिवार के लोग बछिया को दूध पिलाने में मदद कर रहे हैं.

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ईश्वर ने हमारे यहां जन्म लिया है- किसान

किसान चंदेल ने बताया कि एचएफ जर्सी नस्ल की गाय पिछले कुछ वर्षों से इनके घर में है और पहले भी उसने तीन बछड़ों को जन्म दिया है, जो सामान्य थे. लेकिन, इस बार जन्मी बछिया ने सभी को चौंका दिया है. उसने कहा, ‘हम मानते हैं कि ईश्वर ने हमारे यहां जन्म ​लिया है.’

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उन्होंने बताया कि जब आसपास के लोगों को बछिया के जन्म की जानकारी मिली, तब बछिया की एक झलक पाने के लिए वह घर पहुंच गये और उसे भगवान का अवतार मानते हुए पूजा शुरू कर दी. लोग बछिया पर फूल और नारियल चढ़ा रहे हैं.

इधर, पशु चिकित्सकों ने इसे भ्रूण की असामान्य वृद्धि बताते हुए किसी अलौकिक घटना से इंकार किया है. क्षेत्र के पशु चिकित्सक कमलेश चौधरी ने बताया, ‘इस तरह कि विकृतियां भ्रूण के असामान्य विकास के कारण होती है. आमतौर पर जानवर के ऐसे बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं. इसे चमत्कार नहीं माना जाना चाहिए.’

डॉ दिनेश मिश्रा ने बतायी इसकी वजह

वहीं, छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास के खिलाफ वर्षों से आंदोलन चलाने वाले क्षेत्र के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख डॉक्टर दिनेश मिश्रा ने कहा है कि ऐसे मामले जन्मजात विसंगतियों के कारण होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘लोगों को इसे आस्था या अंधविश्वास से नहीं जोड़ना चाहिए. कई घटनाओं में यह देखा गया है कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जागरूकता की कमी के कारण ऐसे जानवरों की पूजा करते हैं.’ मिश्रा ने कहा है कि जानवरों में इस तरह की विकृति के बारे में लोगों को वैज्ञानिक रूप से समझाने की जरूरत है, जिससे वह अपने पशुओं की ठीक से देखभाल कर सकें.

एजेंसी इनपुट

Posted By: Mithilesh Jha

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