बरेलवी उलमा ने देवबंद के मौलाना अरशद मदनी के बयान पर जताई नाराजगी, बोले- अल्लाह की शान में गुस्ताखी..

Bareilly : देवबंद के मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला में आयोजित जमीयत के अधिवेशन में अल्लाह, और ओम को लेकर बयान दिया था. बरेलवी मसलक के उलमा ने बयान का विरोध किया है.

By Prabhat Khabar | February 13, 2023 11:20 PM

Bareilly : देवबंद के मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला में आयोजित जमीयत के अधिवेशन में अल्लाह, और ओम को लेकर बयान दिया था.बरेलवी मसलक के उलमा ने बयान का विरोध किया है. उन्होंने बयान को गलत बताया.इसके साथ ही अल्लाह की शान में गुस्ताखी बताई. देवबंद के फतवा डिपार्टमेंट को मौलाना अरशद मदनी के खिलाफ फतवा जारी करने की सलाह दी.

देवबंद के मौलाना के बयान के बाद सोमवार को आला हज़रत के मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम के मुफ्ती सलीम नूरी, और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी की सख्त प्रतिक्रिया सामने आई है. दरगाह के मदरसा जामिया रज़विया मंज़र-ए-इस्लाम के शिक्षक मुफ्ती मुहम्मद सलीम बरेलवी ने कहा, मिस्टर मदनी का बयान मज़हबे इस्लाम के मूल सिद्धांत अक़ीदा-ए-तौहीद के विपरीत है. इसके साथ ही अल्लाह की शान में सख्त गुस्ताखी बताया है.

देवबंदी विचारधारा के सबसे बड़े केंद्र दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग को तुरंत संज्ञान लेकर उनके खिलाफ देवबंदी मसलक के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. वर्ना अवाम में यहीं मैसेज (संदेश) जाएगा कि देवबंदी मसलक का भी अल्लाह के संबंध में यही अकीदा है, जो मिस्टर मदनी ने अपनी तक़रीर (बयान) में किया. अल्लाह और ओम को एक कहना मजहबे इस्लाम के खिलाफ है. इस्लामी शरीअत के मुताबिक अल्लाह तआला को हम केवल उन्हीं नामों से पुकार सकते हैं. जिनका विवरण कुरान और हदीस में हैं, या जिन नामों को मजहबे इस्लाम के इमामों,बुजुर्गों और सहाबा आदि ने उल्लेख किया है.

अल्लाह के लिए ओम शब्द का प्रयोग न तो कुरान में हुआ, और न ही हदीस में है. अल्लाह की तुलना उन्होने हवा से की कि जो हर जगह है, जबकि हवा अल्लाह की पैदा की हुई मखलूक़ है. उन्होने हज़रते आदम को मनु कहा, जबकि हजरते आदम मजहबे इस्लाम के अनुसार पहले इंसान और पहले नबी हैं.

इस्लाम में अल्लाह पूजनीय

कुरान व हदीस और उम्मते इस्लामिया ने हज़रत आदम की जो खूबियां बताई हैं, हिन्दू मज़हब में मनु के लिए वह सब चीजें नहीं मानी जाती, क्योंकि, मनु को हिन्दू मज़हब में पूजनीय हस्ती माना जाता है और इस्लाम में हजरते आदम हो, या कोई और इसमें अल्लाह के सिवा किसी को पूजनीय नहीं माना जाता. एक अल्लाह के सिवा किसी और को पूजने की इस्लाम इजाज़त नहीं देता. मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि मिस्टर मदनी का यह बयान अवाम को गुमराह करने वाला भी है.

क्या कहा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने

जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा कि इस्लाम भारत का सबसे पुराना मज़हब है. सूफियों के भाई चारा के पैगाम ने इस्लाम को फल फूलने का अवसर मिला. भारत में इस्लाम के प्रचार में सूफियों का ही अस्ल योगदान है. अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ,दिल्ली में ख्वाजा निजामुद्दीन चिश्ती, बंगाल में सूफी हकपंडवी, उत्तर प्रदेश के बहारईच में मसूदगाजि लाहौर ( पाकिस्तान) में दाता गंज बक्स हजवेरी, चाटगाम ( बंगलादेश) में मौलाना नक्श बंदी जैसे सूफीयो ने धर्म का प्रचार व प्रसारण किया. जिसकी वजह से भारत में इस्लाम फैला.

ओम और अल्लाह दो शब्द

मौलाना बरेलवी ने आगे कहा कि ओम और अल्लाह ये दो शब्द है. जिसके माने भी अलग – अलग है. ओम तीन अक्षरों से बना हुआ, एक शब्द है जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं का अवतार है. और वो जात जिसका न बेटा है और न बेटी, और न ही कोई किसी से रिश्तेदारी न नातेदारी न जिस्म, वो हर चीज से पाक और बेनियाज है, उसको इस्लाम मज़हब के अनुयाई अल्लाह कहते हैं. ये अरबी का शब्द है और इसी को फरसी शब्द में खुदा कहते हैं. ये दोनों शब्द अलग-अलग माना रखते हैं. और इनके अनुयाई भी अलग-अलग मज़हब के लोग हैं. इन दोनों को साथ में जोड़कर देखना या समझना बहुत बड़ी ग़लती है.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली

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