झारखंड के हर जिले में 10 बेड का बनेगा Ayush Hospital, जानें क्या होगी खासियत

झारखंड के सभी जिले में 10-10 बेड वाला आयुष हॉस्पिटल का निर्माण होगा. इसके तहत सरायकेला में भी इनडोर आयुर्वेद हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर आयुष विभाग के निदेशक ने सभी जिला आयुष पदाधिकारी को पत्र भेजकर इस पर अमल करने को कहा है.

By Samir Ranjan | September 22, 2022 8:12 PM

Jharkhand News: एलोपैथी चिकित्सा पद्धति (Allopathic System of Medicine) की तर्ज पर राज्य में अब आयुर्वेद के सहारे मरीजों को इलाज होगा. इसके लिए इनडोर आयुर्वेद हॉस्पिटल (Indoor Ayurveda Hospital) का निर्माण होगा. फिलहाल इस हॉस्पिटल में 10 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी. इससे मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी.

हर जिले में बनेगा 10 बेड का अस्पताल

इस संबंध में आयुष विभाग के निदेशक ने सभी जिला आयुष पदाधिकारी को पत्र भेजकर इस पर अमल करने को कहा है. 10-10 बेड का अस्पताल राज्य के सभी 24 जिले में बनेंगे. पत्र में कहा गया है कि देसी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और मरीजों को देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति से लाभ दिलाने के लिए जरूरतमंद मरीज को आयुष अस्पताल में भर्ती कराकर आयुष चिकित्सा पद्धति से नो साइड इफेक्ट वाला इलाज किया जाएगा.

क्या होगा खास

आयुष चिकित्सा के लिए अब तक आउटडोर सुविधा रही है. 10 बेड वाले आयुष अस्पताल उपलब्ध हो जाने के बाद अब मरीजों को इंडोर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराते हुए अस्पताल में भर्ती कर आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज कराया जा सकेगा. जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विपिन चंद्र गुप्ता ने बताया कि कुल 25 डिसमिल जमीन पर आयुष अस्पताल का निर्माण किया जाएगा.

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नो साइड इफेक्ट की पद्धति है आयुष चिकित्सा पद्धति

कोरोना काल सहित आये दिन पनप रहे विभिन्न रोगों को देखते हुए जननी भारत वर्ष सहित लगभग पूरे विश्व का झुकाव आयुष विशेषकर प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेद की ओर हुआ है. जिसमें आयुष चिकित्सा के तीनों विंग आयुर्वेदिक चिकित्सा, होम्योपैथिक चिकित्सा और यूनानी चिकित्सा पद्धति को नो साइड इफेक्ट वाला बताया गया है.

रिपोर्ट : प्रताप मिश्रा, सरायकेला.

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