धनबाद नगर निगम में 200 करोड़ का घोटाला, होगी जांच

धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की राशि से सड़कों के निर्माण में हुए लगभग 200 करोड़ रुपये घोटाले की जांच तेज हो गयी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2020 1:20 AM

रांची : धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की राशि से सड़कों के निर्माण में हुए लगभग 200 करोड़ रुपये घोटाले की जांच तेज हो गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई दर्ज) करने की अनुमति दे दी है. धनबाद नगर निगम में हुए सड़क निर्माण योजना के लिए तैयार प्राक्कलन में हुई गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने दो जून को इस मामले की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया था.

गौरतलब है कि धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राक्कलन घोटालों की जांच के लिए आंतरिक जांच समिति गठित की गयी थी. समिति के जांच प्रतिवेदन में धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल और नगर आयुक्त को आरोपी बनाया है. वहीं, प्रशासी विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग ने भी इस मामले की जांच एसीबी से कराने की अनुशंसा की थी.

यह है मामला : 14वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम क्षेत्र में 40 सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिली थी. इनमें से 27 सड़कों का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदाधिकारियों ने तैयार किया था. डीपीआर बनाने के एवज में किसी परामर्शी एजेंसी को शुल्क का भुगतान भी नहीं किया गया. वहीं, शेष 13 सड़कों के साथ नाली, एलइडी लाइट, पेवर ब्लॉक व अन्य का प्रावधान किया गया था. इसके लिए परामर्शी एजेंसी ‘मेसर्स मास एंड वोड’ को परामर्श शुल्क देकर इन सड़कों का डीपीआर और डिजाइन तैयार कराया गया. डीपीआर में इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपये बतायी गयी.

जांच में पता चला कि डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं था. तकनीकी रिपोर्ट भी नहीं थी. बाद में सड़कों के निर्माण में कई तरह की खामियां और तकनीकी प्रावधानों के उल्लंघन पाया गया. घोटाले में धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की ओर उंगलियां उठ रही हैं. आरोप है कि मेयर के निर्देश पर परामर्शी से डीपीआर तैयार कराया गया, जिसमें प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ा दी गयी. इसके बाद पहले से ही अच्छी स्थिति में मौजूद पीसीसी सड़कों को तोड़कर नयी सड़कें बनवायी गयीं.

मुख्यमंत्री ने एसीबी को दी जांच की अनुमति, मनरेगा योजनाओं में हुई धांधली की भी एसीबी करेगी जांच

रांची. देवघर जिले के देवघर प्रखंड की मसनजोरा पंचायत के मथुरापुर गांव में मनरेगा योजनाओं में हुई अनियमितता की जांच एसीबी करेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसीबी को इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) करने की अनुमति दे दी है. साथ ही जांच रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

मसनजोरा पंचायत में मनरेगा के तहत ली गयीं योजनाओं में 50 प्रतिशत काम फर्जी पाये जाने की बात सामने आयी है. इसके अलावा डोभा निर्माण में भी जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया गया और फर्जी मस्टर रोल के आधार पर राशि की भी निकासी कर ली गयी, जो मनरेगा गाइडलाइन के प्रतिकूल है.

Post by : Pritish Sahay

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