चांद पर भी होगा जीपीएस

जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम ने हमारे यातायात और आवागमन को सुचारु संचालन में क्रांतिकारी भूमिका निभायी है. इसकी वजह से एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी, रास्ते, आने-जाने में लगनेवाले समय, ट्रैफिक की स्थिति, किसी वाहन या व्यक्ति के लोकेशन आदि तमाम जानकारियां मिल जाती हैं. अब नासा ने इस सूचना-तकनीक की प्रणाली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 10, 2019 6:21 AM
जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम ने हमारे यातायात और आवागमन को सुचारु संचालन में क्रांतिकारी भूमिका निभायी है. इसकी वजह से एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी, रास्ते, आने-जाने में लगनेवाले समय, ट्रैफिक की स्थिति, किसी वाहन या व्यक्ति के लोकेशन आदि तमाम जानकारियां मिल जाती हैं.
अब नासा ने इस सूचना-तकनीक की प्रणाली को चांद पर ले जाने का फैसला किया है. धरती पर जीपीएस 32 सैटेलाइटों के आपसी समन्वय से काम करता है. लेकिन ऐसी तकनीकी प्रणाली और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर अंतरिक्ष में या चांद पर अभी उपलब्ध नहीं है.
नासा एक ताकतवर रिसीवर विकसित करने पर काम कर रहा है, जो धरती के लिए उपलब्ध सैटेलाइटों के नेटवर्क का इस्तेमाल कर चंद्रमा पर नेविगेशन में मदद करेगा. उम्मीद है कि इस सिस्टम का प्रारंभिक प्रारूप इस साल के अंत तक तैयार हो जायेगा. अभी चांद पर या उसके इर्द-गिर्द जानेवाले सैटेलाइट और रोवर संचार के लिए नासा के धरती स्थित प्रणाली की सहायता लेते हैं. इस परियोजना के लागू हो जाने के बाद यह निर्भरता समाप्त हो जायेगी तथा इससे बहुत बैंडविथ बचाया जा सकेगा, जिसका इस्तेमाल प्रसारण के अन्य उद्देश्यों के लिए हो सकेगा.

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