Whatsapp कर रहा भारत छोड़ने की तैयारी? जानें पूरी बात

क्या व्हाट्सऐप भारत से अपना बाजार समेटनेवाला है? जी हां, पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप के बारे में इन दिनों चर्चा जोरों पर है कि यह भारत को टाटा-बाय, बाय कहने जा रहा है. वैसे तो व्हाट्सऐप दुनियाभर में है, लेकिन भारत में यह दूसरे मुल्कों के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय है. ऐसे में भारत में इसके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2019 9:36 PM

क्या व्हाट्सऐप भारत से अपना बाजार समेटनेवाला है? जी हां, पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप के बारे में इन दिनों चर्चा जोरों पर है कि यह भारत को टाटा-बाय, बाय कहने जा रहा है. वैसे तो व्हाट्सऐप दुनियाभर में है, लेकिन भारत में यह दूसरे मुल्कों के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय है. ऐसे में भारत में इसके बंद होने से कई लोग प्रभावित होंगे.

दरअसल, इस खबर की जड़ में है फेक न्यूज और अफवाह. व्हाट्सऐप के जरिये भारी मात्रा में वायरल किये जा रहे हैं. इसकी वजह से देश में मॉब लिंचिंग भी हो गयी है. सरकार इसे रोकने के लिए व्हाट्सऐप पर दबाव डाल रही है कि कंपनी ये पता लगाये कि फेक न्यूज और अफवाह कहां से फैलाये जा रहे हैं. लेकिन व्हाट्सऐप अपनी पॉलिसी की वजह से ऐसा नहीं कर सकता है. व्हाट्सऐप ने पहले ही ऐसा करने से मना कर दिया है.

इस बारे में व्हाट्सऐप के कम्यूनिकेशन हेड कार्ल वूग ने एक बयान जारी किया है. उनका बयान है- सुझाये गये बदलाव मजबूत प्रिवेसी प्रोटेक्शन की वजह से संभव नहीं हैं. एंड टु एंड एनक्रिप्शन की वजह से ऐसा संभव नहीं है. यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि आगे क्या आने वाला है. हालांकि इस बयान से यह कहीं से नहीं लग रहा है कि भारत व्हाट्सऐप बंद हो रहा है.

कार्ल वूग के मुताबिक, प्रोपोज किये गये रेग्यूलेशन में एक चीज मैसेज ट्रेस करने की बात भी है जो हमारे लिए चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि व्हाट्सऐप डिफॉल्ट तौर पर एंड टु एंड एन्क्रिप्टेड है. यानी सेंडर और रीसिवर के अलावा कोई तीसरा इन मैसेज को न तो ट्रेस कर सकता है और न ही पढ़ सकता है. यहां तक कि व्हाट्सऐप के लिए भी संभव नहीं है कि यूजर्स के मैसेज पढ़ सके.

कार्ल वूग ने कहा है कि एंड टु एंड एन्क्रिप्शन फीचर के बिना व्हाट्सऐप पूरी तरह से एक नया प्रोडक्ट बन जाएगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि इस रेग्यूलेशन के तहत ह्हाट्सऐप को री आर्किटेक्ट करना होगा. अगर ऐसा हुआ तो व्हाट्सऐप जैसा अभी है वैसा नहीं रहेगा.

हमेशा से कंपनी का कहना है कि फेक न्यूज और अफवाहों के रोकने के लिए कंपनी कदम उठा रही है और इसके लिए अब मशीन लर्निंग सिस्टम भी तैयार कर लिया गया है.

यहां यह जानना गौरतलब है कि व्हाट्सऐप के भारत में लगभग 200 मिलियन यूजर हैं, इसलिए इतना बड़ा बाजार छोड़ना भी कंपनी के लिए नुकसानदेह होगा. लेकिन कार्ल वूग के बयान के मुताबिक, अगर सरकार लगातार व्हाट्सऐप पर बदलाव के लिए दबाव बनायेगी, तो कंपनी भारत से वापस जा सकती है.

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