Mars meets Earth: 15 साल बाद पहली बार धरती के इतने करीब आया मंगल

आज आप आसमान में मंगल ग्रह को ज्यादा आसानी से देख सकेंगे. मंगलवार, 31 जुलाई को मंगल ग्रह 15 सालों के बाद पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा. इस घटना के दौरान मंगल ग्रह पृथ्वी से 5 करोड़ 76 लाख किलोमीटर की दूरी पर होगा. इससे पहले यह खगोलीय घटना 2003 में घटी थी. उस समय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 31, 2018 5:14 PM

आज आप आसमान में मंगल ग्रह को ज्यादा आसानी से देख सकेंगे. मंगलवार, 31 जुलाई को मंगल ग्रह 15 सालों के बाद पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा. इस घटना के दौरान मंगल ग्रह पृथ्वी से 5 करोड़ 76 लाख किलोमीटर की दूरी पर होगा.

इससे पहले यह खगोलीय घटना 2003 में घटी थी. उस समय पृथ्वी से इसकी दूरी 5 करोड़ 57 लाख किलोमीटर थी. मालूम हो कि जहां पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में 365 से ज्यादा दिन लगते हैं, वहीं मंग्रल ग्रह को 687 दिन लगते हैं.

इस घटना की वजह से मंगल का आकार काफी बड़ा दिखेगा और नजदीक होने के कारण यह बृहस्पति ग्रह से भी ज्यादा चमकीला दिखेगा. बृहस्पति ग्रह सौरमंडल में शुक्र ग्रह के बाद दूसरा सबसे चमकीला ग्रह है. पृथ्वी से नजदीकी कीवजह से 7 जुलाई से लेकर 7 सितंबर तक मंगल की चमक औसत सेज्यादा रहेगी.

मंगल ग्रह को देखने के लिए पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध सबसेमुफीद जगह है. यानी अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका जैसी जगह पर अच्छे से देखा जाता है. इसका मतलब यह हुआ कि भारत में इसे आसानी से नहीं देखा जा सकेगा. इसे देखने के लिए आपको बड़े लेंस वाले टेलीस्कोप की जरूरत होगी.

आप इसे ऑनलाइन भी देख सकते हैं. इनमें यूट्यूब लाइव स्ट्रीम और नासा की ग्रिफिथ ऑब्जर्वेटरी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग कर रही है. जहां आप धरती के पास आये मंगल को आसानी से देख सकते हैं.

बताते चलें कि मंगल ग्रह पृथ्वी के आकार का आधा है और पृथ्वी से देखने पर आकार में काफी छोटा सा दिखता है लेकिन पृथ्वी से नजदीक होने के कारण फिलहाल आसमान में यह काफी बड़ा दिखेगा. नासा के अनुसार, अगली बार वर्ष 2020 में मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक आयेगा. तब दोनों की दूरी 6.2 करोड़ किलोमीटर होगी.

यहां यह जानना गौरतलब है कि हर दो साल में मंगल सूर्य के विपरीत दिशा में होता है. उस समय पृथ्वी, मंगल और सूर्य के बीच आ जाती है. पिछले शुक्रवार को पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान मंगल सूर्य से विपरीत दिशा में था.

इस घटना के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरा, तो वह चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो गया था. इसलिए इस पूर्ण चंद्र ग्रहण के समय दिखने वाले चांद को ‘ब्लड मून’ कहा गया.

ग्रहण शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका महाद्वीपों में दिखाई दिया. इस दौरान यह पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे लंबा एक घंटे 43 मिनट का था.

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