चुनाव विश्लेषण: कांटे के मुकाबले में फंसी तृणमूल की सबिता छेत्री

सिलीगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव में उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद विधानसभा सीट पर तृणमूल की राह आसान नजर नहीं आ रही है. इस सीट पर कब्जा जमाने के लिये तृणमूल उम्मीदवार सबिता छेत्री को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.ऐसे इस सीट पर तृणमूल का रिकॉर्ड संतोषजनक नहीं रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में परिवर्तन की लहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2016 7:23 AM

सिलीगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव में उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद विधानसभा सीट पर तृणमूल की राह आसान नजर नहीं आ रही है. इस सीट पर कब्जा जमाने के लिये तृणमूल उम्मीदवार सबिता छेत्री को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.ऐसे इस सीट पर तृणमूल का रिकॉर्ड संतोषजनक नहीं रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में परिवर्तन की लहर में भी तृणमूल यह सीट हासिल नहीं कर पायी थी. हेमताबाद के वर्तमान माकपा विधायक खगेंद्र नाथ सिन्हा ने तृणमूल उम्मीदवार शेखर चंद्र राय को 35 हजार 704 वोट के बड़े फासले से धूल चटा दी थी.

इस सीट पर बोलबाला माकपा का ही रहा है. इसबीच,इस विधानसभा क्षेत्र में समस्याएं तो कई हैं लेकिन स्थानीय नागरिकों को आजतक समाधान के बदले सिर्फ आश्वासन ही मिला. यह आरोप हेमताबाद विधानसभा क्षेत्र के नागिरकों का है. इलाके के कुछ लोगों ने जहां माकपा विधायक की काफी प्रशंशा की वहीं कुछ लोगों ने आलोचन भी की़ तृणमूल समर्थकों का आरोप है कि पिछले पांच वर्षों में माकपा विधायक ने इलाके के विकास की गति को रोक दिया है. जिस तरह का विकास अन्य विधानसभा क्षेत्रों का हुआ है उसके मुकाबले हेमताबाद काफी पिछड़ा रह गया. उनका कहना है कि राज्य में जिसकी सरकार होती है उसी पार्टी का विधायक होने से विकास होता है. दूसरी तरफ वाम मोरचा समर्थकों ने राज्य सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है़ इनका कहना है कि पिछले पांच वर्षों में तृणमूल सरकार के सौतेलेपन पर नागरिकों की नजर है़ इसका जवाब नागरिक अपने वोट से देंगे.

जहां तक समस्याओं की बात है तो यहां कोइ उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है़ यहां के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये इस्लामपुर या निकटवर्ती अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है. बिजली के खंभे व तार तो हैं लेकिन हेमताबाद के कई इलाकों में रात में बिजली नहीं आती. सड़को की अवस्था ऐसी है कि रात के समय साइकिल चलाना भी कभी-कभी मुश्किल होता है. वर्षा में कीचड़ एवं गर्मी में धूल से राहगीरों का चलना तक मुश्किल हो जाता है. हेमताबाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने इस बार जान-पहचान या जाति-धर्म के नाम पर नहीं विकास के नाम पर मतदान करने का निर्णय लिया है. इलाके के युवा रोजगार को लेकर वर्तमान राज्य सरकार से काफी नाराज दिख रहे हैं.

इधर, तृणमूल ने सबिता छेत्री को हेमताबाद विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है़ वहीं माकपा ने कांग्रेस से सीट समझौता कर देवेन राय को तृणमूल के विरूद्ध मैदान में उतारा है. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार यहां भाजपा की स्थिति भी काफी नाजुक है. रायगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत हेमताबाद विधानसभा क्षेत्र में पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 1 लाख 84 हजार 961 मतदाताओं में से 85.01 प्रतिशत मतदान हुआ था. मजे की बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी नेता चित्त रंजन राय एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे़ रायगंज की तत्कालीन कांग्रेस सांसद दीपा दासमुंशी ने इनके समर्थन में चुनाव प्रचार किया था.