आरपीएफ ने आइआरसीटीसी साइट के अवैध सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करने वाले 60 जालसाजों को किया गिरफ्तार

सिलीगुड़ी : आरपीएफ ने अवैध रूप से टिकट तैयार करने के लिए आईआरसीटीसी की लॉगइन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा तथा बैंक ओटीपी से परहेज करते हुए एएनएमएस, एमएसी तथा जागुआर जैसे अवैध सॉफ्टवेयरों के इस्तेमाल करने वाले एक पैन इंडिया संगठित रैकेट का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. एक वास्तविक उपभोक्ता को आईआरसीटीसी साइटों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2020 1:33 AM

सिलीगुड़ी : आरपीएफ ने अवैध रूप से टिकट तैयार करने के लिए आईआरसीटीसी की लॉगइन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा तथा बैंक ओटीपी से परहेज करते हुए एएनएमएस, एमएसी तथा जागुआर जैसे अवैध सॉफ्टवेयरों के इस्तेमाल करने वाले एक पैन इंडिया संगठित रैकेट का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. एक वास्तविक उपभोक्ता को आईआरसीटीसी साइटों से अपनी टिकटें बुक कराने के लिए इस सभी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. जबकि सामान्य उपभोक्ता के लिए बुकिंग प्रक्रिया में सामान्य रूप से 2.55 मिनट का समय लगता है, परंतु इस तरह के अवैध सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करने वाले को इसी कार्य के लिए सिर्फ 1.48 मिनट का समय लगता है.

इस तरह के वे वास्तविक ग्राहकों को टिकट खरीदने से वंचित करते हैं. भारतीय रेल ने पिछले दो महीने के दौरान किसी भी एजेंट को टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दी है. आरपीएफ ने टिकटों की तत्काल बुकिंग पाने के लिए अन्य के लिए आईआरसीटीसी साइट के अवैध सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करने वाले 60 जालसाजों को गिरफ्तार किया. आरपीएफ की इस कार्रवाई का प्रभाव आईआरसीटीसी की टिकट बुकिंग साइट पर स्पष्ट रूप से दिखा. अब इस साइट पर तत्काल टिकटों की उपलब्धता में उछाल दिख रहा है. विभिन्न जोनों से हासिल की गई स्थिति के अनुसार यह पता चला है कि टिकटें बुक करने के लिए वास्तविक यात्रियों के लिए लंबी अवधि के लिए तत्काल टिकटें उपलब्ध है.
कुछ ट्रेनों में तत्काल बुकिंग दो मिनटों में समाप्त हो जाती थी अब एक घंटे से भी ज्यादा समय तक उपलब्ध है.
आरपीएफ ने दिल्ली से सम्पूर्ण हालात पर निगरानी रखते हुए यह सफलता हासिल की है तथा जोधपुर, कोलकाता, मुम्बई, शिलांग, लखनऊ, बेंगलुरू, अहमदाबाद इत्यादि जगहों से संबंधित लोगों को गिरफ्तार किया. 11 एवं 12 फरवरी, 2020 को चलाए विशेष अभियान के दौरान 319 आईआरसीटीसी एजेंटों को गिरफ्तार किया गया. 317 एजेंटों की पहचान पत्र को काली सूची में डालने के लिए चिन्हित किया गया है. 37.86 लाख कीमत की भविष्य की रेलवे टिकटों पर रोक लगा दी गई है एवं 1.19 करोड़ कीमत के इस्तेमाल की गई टिकटें बरामद की गई. तीन एजेंटों ने रेलवे टिकटें बुक करने के लिए अवैध सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल करने का जुर्म स्वीकार किया है.
आरपीएफ की इस कार्रवाई के उपरांत, एएनएमएस, एमएसी जैसी सॉफ्टवेयर का परिचालन बंद हो गया है. उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2019 से जनवरी 2020 तक की अवधि के दौरान चलाए गए विशेष अभियान के दौरान आरपीएफ ने 420 आईआरसीटीसी एजेंटों को गिरफ्तार किया था.

Next Article

Exit mobile version