अभावों को मात देकर मालदा का गौरव बनी सप्तमी

उभरता सितारा : राज्य एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जीते दो गोल्ड मेडल जनप्रतिनिधियों की ओर से मिला मदद का आश्वासन मालदा :गरीबी व बदहाली के बीच लक्ष्य हासिल करने की जिद की जीतीजागती मिसाल है सप्तमी मंडल. मालदा शहर के 23 नंबर वार्ड अंतर्गत तेलीपुकुर की निवासी सप्तमी मेंहेदीपुर हाई स्कूल में 11वीं की छात्र है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2019 1:36 AM

उभरता सितारा : राज्य एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जीते दो गोल्ड मेडल

जनप्रतिनिधियों की ओर से मिला मदद का आश्वासन

मालदा :गरीबी व बदहाली के बीच लक्ष्य हासिल करने की जिद की जीतीजागती मिसाल है सप्तमी मंडल. मालदा शहर के 23 नंबर वार्ड अंतर्गत तेलीपुकुर की निवासी सप्तमी मेंहेदीपुर हाई स्कूल में 11वीं की छात्र है. परिवार की गरीबी और बदहाली के बीच भी उसने खेल की साधना जारी रखी है जिसका नतीजा है कि राज्य एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उसे दो स्वर्ण पदक मिले हैं.

हाल ही में संपन्न 69वीं राज्य एथलेटिक्स प्रतियोगिता के अंडर-20 वर्ग में 10 हजार मीटर पैदल चाल और 5 हजार मीटर दौड़ में सप्तमी को स्वर्ण पदक मिले हैं. इसको लेकर पूरे मालदा जिले में आज सप्तमी की जयजयकार हो रही है.

सप्तमी मंडल के पिता अमल मंडल सब्जी विक्रेता हैं. छोटी सी कमाई से वे अपनी मानसिक रोगी पत्नी नंदरानी मंडल का इलाज कराने के साथ ही तीन बेटे बेटियों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठा रहे हैं. सप्तमी का भाई सूर्य मंडल सातवीं का छात्र है जबकि बहन झरना मंडल पांचवीं में पढ़ती है. अमल मंडल सब्जी के व्यवसायी से जो भी आय करते हैं उसका अधिकतर हिस्सा पत्नी के इलाज में चला जाता है.

बाकी बची रकम से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई होती है. इसलिए दो वक्त का भात भी मुश्किल से मिल पाता है. इसी कठिन जीवन के बीच सप्तमी की खेल साधना जारी है. वह सफलता की बुलंदियों की तरफ तेजी से बढ़ रही है.

सप्तमी कहती है कि उसका अब अगला लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है. वह देश का नाम रोशन करना चाहती है. इसके लिये उसे जो भी तकलीफ सहनी पड़े वह तैयार है. पिता अमल मंडल का कहना है कि बेहद तकलीफों के बीच उन्होंने गृहस्थी का बोझ थामे रखा है. बेटी सप्तमी को खेल का नशा है.

लेकिन आर्थिक परेशानियों के चलते वह उसके लिए एक जोड़ी स्पोर्ट्स शू भी खरीद नहीं पा रहे हैं. लेकिन सप्तमी है कि कीचड़ वाली सड़क पर ही वह पैदल ही दौड़ लगाती है. उसे पौष्टिक भोजन मिलना चाहिये लेकिन दे नहीं पाते हैं. माड़-भात और सत्तू पीकर वह दौड़ का अभ्यास करती है.

जिला परिषद के सभाधिपति गौड़चंद्र मंडल ने बताया कि सप्तमी मालदा का गौरव है. उसकी पारिवारिक स्थिति के बारे में सुना है. वह प्रयास करेंगे, ताकि भविष्य में उसे शिक्षा और खेलकूद के लिए परेशानी न हो. इसी तरह विधायक और इंगलिशबाजार नगरपालिका के चेयरमैन नीहार घोष ने कहा कि उन्होंने सप्तमी की कामयाबी की बात सुनी है. वह उससे मिलेंगे. परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. खेल के लिये वह उसे विधायक कोष से मदद करेंगे.

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