पहाड़ की समस्या के राजनीतिक समाधान का मतलब अलग राज्य

जिले में चलाये जा रहे सदस्यता अभियान की हुई समीक्षा दार्जिलिंग :पहाड़ समस्या का राजनीतिक समाधान का मतलब अलग राज्य हो सकता है. उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष मनोज देवान ने कही. शहर के गोयनका रोड स्थित गोरखा दुख निवारक सम्मेलन भवन में शुक्रवार को भाजपा की सांगठनिक सभा आयोजित की गयी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 20, 2019 1:22 AM

जिले में चलाये जा रहे सदस्यता अभियान की हुई समीक्षा

दार्जिलिंग :पहाड़ समस्या का राजनीतिक समाधान का मतलब अलग राज्य हो सकता है. उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष मनोज देवान ने कही. शहर के गोयनका रोड स्थित गोरखा दुख निवारक सम्मेलन भवन में शुक्रवार को भाजपा की सांगठनिक सभा आयोजित की गयी.
आयोजित संगठनिक सभा में भाजपा दार्जिलिंग जिल्लाध्यक्ष मनोज देवान खासतौर पर उपस्थित रहे. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री देवान ने कहा कि सभा में संगठनिक विषयों पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से देशभर में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके कारण पहाड़ में भी सदस्यता संग्रह का कार्य किया जा रहा है.
श्री देवान ने कहा कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में संगठनिक कार्य करने को सुविधा के लिए पार्टी ने दार्जिलिंग क्षेत्र में 12 ब्लॉकों का गठन किया है. प्रत्येक ब्लॉक में करीब 5 हजार लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली है. जिलाध्यक्ष श्री देवान ने बताया कि बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद पहाड़ की चुनावी स्थिति बताने की बात कही. दार्जिलिंग वासियों ने अपना मत देकर चयन किये गये नगरपार्षदों को राज्य प्रशासन ने बोर्ड गठन करने नहीं दिया है.
यह गणतंत्र के लिए घातक है. पिछले 2009 से लेकर आज तक दार्जिलिंग पहाड़ की जनता भाजपा को समर्थन करते आ रही है. पहाड़ के कुछ राजनीतिक दलों की ओर से भाजपा पर पहाड़ के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है. हालांकि सच्चाई कुछ और है. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के उत्थान और विकास के लिए गठित जीटीए द्वारा पहाड़ में जो भी काम हुआ है वह केंद्र सरकार का फंड है.
राज्य सरकार ने जीटीए को आज तक फूटी कौड़ी नहीं दी. कुछ माह पहले सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के संकल्प पत्र में दार्जिलिंग की समस्या को स्थायी राजनैतिक समाधान का उल्लेख किया गया है. वो स्थायी राजनैतिक समाधान और कुछ नही बल्कि अलग राज्य हो सकती है. जिलाध्यक्ष देवान ने कहा कि भाजपा शुरू से ही छोटे-छोटे राज्यों की पक्षधर रही है.

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