गोर्खाओं के प्रति पीएम की कथनी-करनी अलग

दार्जिलिंग : गोर्खाओं का सपना मेरा सपना, कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विगत 2017 में हुये आंदोलन में गोर्खाओं के दर्द का एहसास नहीं हुआ. उक्त बातें कांग्रेस उम्मीदवार शंकर मालाकार ने कही. शहर के चौक बाजार में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये कांग्रेस उम्मीदवार शंकर मालाकार ने कहा कि गोरखाओं के प्रति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 15, 2019 6:10 AM

दार्जिलिंग : गोर्खाओं का सपना मेरा सपना, कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विगत 2017 में हुये आंदोलन में गोर्खाओं के दर्द का एहसास नहीं हुआ. उक्त बातें कांग्रेस उम्मीदवार शंकर मालाकार ने कही.

शहर के चौक बाजार में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये कांग्रेस उम्मीदवार शंकर मालाकार ने कहा कि गोरखाओं के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन और मुंह में अलग-अलग सोच है.
पिछले कुछ साल पहले एक जनसभा को सम्बोधित करते हुये नरेंद्र मोदी ने कहा था गोर्खाओं का सपना मेरा अपना सपना. लेकिन 2017 में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोर्खाओं ने आंदोलन किया था. आंदोलन को दबाने के लिये राज्य की तृणमूल सरकार ने बल प्रयोग किया था.
पहाड़ 105 दिनों तक बंद रहा. उस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में गोर्खाओं के प्रति अच्छा सोच होता तो राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करके पहाड़ की स्थिति को शांत कर सकते थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जनसभा में पहाड़ के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व सांसद दावा नर्बुला, हेम राई, अलताप हुसैन, पीटी लरेंस आदि उपस्थित रहे.

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