एक मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल में होगा प्रदर्शन

वाम मोर्चा के सभी पार्षद भी होंगे शामिल मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. अब राज्य सरकार की उपेक्षा बर्दाश्त से बाहर है. यह बातें सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा माकपा विधाकय अशोक भट्टाचार्य ने कही. वह शुक्रवार को अपने कार्यालय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2019 1:56 AM

वाम मोर्चा के सभी पार्षद भी होंगे शामिल

मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. अब राज्य सरकार की उपेक्षा बर्दाश्त से बाहर है. यह बातें सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा माकपा विधाकय अशोक भट्टाचार्य ने कही. वह शुक्रवार को अपने कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उनका कहना है कि राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम को महत्व नहीं दे रही है. राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग नहीं मिलने के कारण विकास योजनाएं प्रभावित हो रही है.
श्री भट्टाचार्य ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का भी एलान किया. उन्होंने कहा कि 22 वाम मोर्चा वार्ड पार्षदों को लेकर आगामी 1 मार्च को कोलकाता के मेट्रो चैनल में धरना प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान वह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा राज्यपाल से मिलने की कोशिश करेंगे. इन दोनों को पत्र देकर मुलाकात के लिए समय देने की मांग की है. दूसरी ओर एसएमसी के विरोधी दल के नेता तृणमूल के रंजन सरकार ने अशोक भट्टाचार्य पर जमकर तंज कसा.
उन्होंने कहा कि ये वाम मोर्चा बोर्ड शहर के लोगों को नागरिक परिसेवा देने में व्यर्थ है. दूसरी ओर सिलीगुड़ी नगर निगम के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मेयर ने आगे कहा कि एसएमसी में वाम मोर्चा का बोर्ड है. इसी चलते राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उपेक्षा कर रही है.
उन्होंने बताया कि देश के सभी नगर निगमों को अपने इलाके में विकास कार्य के लिए राज्य तथा केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत तक फंड देती है. इसके अलावे रोजना कार्यों के लिए 80 प्रतिशत तक सहायता मिलती है. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम के पास इसका 30 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाता. संविधान की दुहाई देते हुए मेयर ने बताया कि प्रत्येक राज्य का अपना एक वित्त आयोग है. 2013 में तृतीय वित्त आयोग की समय सीमा समाप्त हो गयी है. उसके बाद चौथे वित्त आयोग की सिफारिश भी अबतक लागू नहीं की गयी है.
पूरे देश में सिर्फ सिलीगुड़ी ही इकलौता है, जिसे राज्य वित्त आयोग से पैसा नहीं मिलता है. मेयर ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री 15वें वित्त आयोग के लिए केन्द्र पर दबाव बढ़ा रही है,वहीं, दूसरी ओर विरोधी होने के चलते सिलीगुड़ी नगर निगम को राज्य की ओर से फंड नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने एनबीडीडी तथा एसजेडीए की आलोचना करते हुए कहा कि ये संस्थाएं एसएमसी की अनुमति के बगैर अपनी पार्टी के वार्ड पार्षदों के इलाके में विकास कर रही है.
जिस वार्ड में सीपीएम के पार्षद हैं वहां की उपेक्षा की जा रही है. मेयर ने बताया कि चार वर्षों में राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम की कोई खास सहायता नहीं की है. शहर वासियों के समस्याओं को लेकर वे आगामी 1 मार्च को वाम मोर्चा के 22 वार्ड पार्षदों तथा सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति को लेकर कोलकाता के मेट्रो चैनेल में धरना-प्रदर्शन करेंगे. इस धरने में कोलकाता नगर निगम में विरोधी दल सहित समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी उनका साथ दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसको लेकर गुरुवार को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को भी एक पत्र भी लिखा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुलिस उन्हें अनुमति नहीं देती है तो भी उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है.धरना-प्रदर्शन के बाद राज्य की मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल से मिलने की योजना है.
दूसरी ओर इस मामले में नगर निगम के विरोधी दल नेता तृणमूल के रंजन सरकार ने बताया गणतांत्रिक देश में सभी को विरोध जताने का अधिकार है. लेकिन पिछले चार साढ़े चार वर्षों से मेयर ने शहर के लोगों को कितनी सुविधाएं दी है, इसकी भी जानकारी उन्हें देनी चाहिए.श्री सरकार ने बताया कि बताया कि मेयर अभी तक राज्य सरकार से मिले 32 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पा रहे हैं.
इतना नगर निगम शहरवासियों को न्यूनतम सेवा देने में भी व्यर्थ है. रही बात विकास की तो तृणमूल कांग्रेस भेदभाव की राजनीति पर विश्वास नहीं रखती. उन्होंने बताया कि एसजेडीए तथा एनबीडीडी पर लगाये जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. क्योंकि कहा कि माकपा वार्ड 42,43,44,31,39 में भी काम हो रहा है. पिछले दिनों पर्यटन मंत्री गौतम देव ने खुद ही 46 नंबर वार्ड में 6 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ब्रिज का उद्घाटन किया है.

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