विपक्षी रैली ने भाजपा के आधार को हिला दिया है

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर विपक्षी दलों के ‘‘महागठबंधन’ को अव्यावहारिक और असंभव करार देकर खारिज करने वाली उनकी टिप्पणी को लेकर सोमवार को पलटवार किया. तृणमूल कांग्रेस ने साथ ही दावा किया कि ममता बनर्जी द्वारा आयोजित विपक्ष की रैली ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के आधार को हिला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2019 1:58 AM
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर विपक्षी दलों के ‘‘महागठबंधन’ को अव्यावहारिक और असंभव करार देकर खारिज करने वाली उनकी टिप्पणी को लेकर सोमवार को पलटवार किया. तृणमूल कांग्रेस ने साथ ही दावा किया कि ममता बनर्जी द्वारा आयोजित विपक्ष की रैली ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के आधार को हिला दिया है.
तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों से (शनिवार से) चाहे वह प्रधानमंत्री हों या अन्य केंद्रीय मंत्री, सभी इस रैली के बारे में बातें कर रहे हैं. यद्यपि ममता बनर्जी केंद्र की सरकार में नहीं हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है कि वह इसमें हैं.
इसी कारण से अस्वस्थ होने के बावजूद जेटलीजी ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि भाजपा को यह अहसास हो गया है कि उनके दिन गिने चुने हैं. ऐसा लगता है कि रैली ने मोदी सरकार के आधार को हिला दिया है.
‘ अरुण जेटली ने सोमवार को लिखे एक फेसबुक पोस्ट में विपक्षी दलों के ‘‘महागठबंधन’ को अव्यावहारिक और असंभव करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि इससे अगले आम चुनाव में भाजपा फायदे में रहेगी क्योंकि महत्वाकांक्षी समाज अंशकालिक राजनीतिक गठबंधन के पक्ष में वोट देकर ‘‘सामूहिक आत्महत्या ‘ नहीं करेगा. सूत्रों के अनुसार जेटली गुर्दे संबंधी दिक्कत को लेकर चिकित्सकीय जांच के लिए गत 15 जनवरी को अमेरिका रवाना हुए थे.
जेटली ने ‘‘2019 के लिए एजेंडा -मोदी बनाम अराजकता’ शीर्षक से एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 2019 के आम चुनाव के लिए विपक्षी दलों की दो तरह की रणनीति है.
एक तो मोदी विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाना और दूसरा चुनावी गणित का फायदा उठाना.’ उल्लेखनीय है कि देशभर के 20 से अधिक विपक्षी दलों ने यहां ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित विपक्षी रैली में हिस्सा लिया था और भाजपा सरकार को हटाने के लिए एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया था.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी रैली में एक सामूहिक नेतृत्व का आह्वान किया था और नारा दिया था ‘दिल्ली में सरकार बदल दो.’ विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के मुद्दे का निर्णय चुनाव के बाद किया जाएगा और क्षेत्रीय दल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

Next Article

Exit mobile version